रायपुर: देवउठनी एकादशी के साथ ही अब शादियों का मुहूर्त शुरू हो गया है. दिसंबर महीने में विवाह मुहूर्त होने के चलते बड़ी संख्या में शादियां होने वाली हैं. ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से वैवाहिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं कोरोना संक्रमण के बीच वैवाहिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन तैयार की है.
प्रशासन की गाइडलाइन का पालन शादी के कार्यक्रम के दौरान करना होगा. विवाह के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. बिना अनुमति विवाह कार्यक्रम के आयोजन करने वालों पर FIR दर्ज किए जाने का नियम बनाया गया है.
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कैसे और कहां करें आवेदन?
विवाह कार्यक्रम की अनुमति के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई है. लोक सेवा केंद्र या चॉइस सेंटर के माध्यम से आवेदन करना होगा. विवाह कार्यक्रम के आवेदन के लिए एक आवेदन पत्र के साथ ही विवाह कर रहे वर-वधू का आधार कार्ड और विवाह निमंत्रण कार्ड देना होगा. विवाह कार्यक्रम की अनुमति के आवेदन के लिए 30 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है. 5 पेज से ज्यादा आवेदन होने पर 5 रुपए प्रति पेज की दर से स्कैनिंग शुल्क लिया जाएगा. प्रिंट के लिए 5 रुपए प्रति पेज के हिसाब से चार्ज लिया जाएगा.
विवाह के लिए रोज 150 से 200 आवेदन
करोना काल में विवाह के आयोजन के लिए अब तक 3 हजार 735 आवेदन प्राप्त किए गए हैं. जिनमें से जिला प्रशासन की ओर से 3 हजार 447 आवेदन करने वालों को विवाह कार्यक्रम की अनुमति दी गई है. जिले में विवाह के लिए रोजाना 150 से 200 आवेदन किए जा रहे हैं.
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विवाह कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन
- विवाह कार्यक्रम में एक समय में केवल 200 व्यक्तियों के सम्मिलित होने की अनुमति.
- सभी व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग, सभी को मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य
- कार्यक्रम में शामिल हर व्यक्ति का रजिस्टर रखना अनिवार्य
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग पूर्णता प्रतिबंधित
- धुमाल बैंड पार्टी बजाने वालों की कुल संख्या 10 लोगों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
- विवाह कार्यक्रम सार्वजनिक स्थान में किया जाना प्रतिबंधित
- कार्यक्रम के पूर्व स्थानीय थाना प्रभारी को सूचित करना अनिवार्य
- आयोजन में सम्मिलित होने के बाद संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्ति के इलाज का संपूर्ण खर्च आयोजक का होगा.
- नियमों के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई