रायपुर/ नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राहुल गांधी के बीच छत्तीसगढ़ के सियासी संकट को लेकर बैठक हुई. सीएम भूपेश बघेल ने बैठक के बाद कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से मिलकर अपनी बात रखी है. छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और विकास के मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई. सीएम भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी को प्रदेश आने का न्यौता दिया गया है. वे अगले हफ्ते छत्तीसगढ़ आएंगे. राहुल गांधी से तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई है.
छत्तीसगढ़ में कुर्सी का झगड़ा दिल्ली तक पहुंचा, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगातार सीएम भूपेश बघेल से इस मुद्दे पर मंथन करता रहा. इस बीच सीएम भूपेश बघेल, दिल्ली में अपने समर्थक विधायकों और मेयर को जुटाकर आलाकमान को यह संदेश दे चुके हैं कि उनके साथ पार्टी के कितने लोगों का समर्थन है. इस दौरान बैठक के बाद जब मीडिया ने सीएम बघेल से 2.5 साल के फॉर्मूले पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इस मसले पर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया पहले ही कह चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुझे आगे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है. हमने अपने नेता से सारी बातें कह दी हैं.
दिल्ली में जुटे रहे सीएम बघेल के समर्थक
दिल्ली में आज दिन भर छत्तीसगढ़ का सियासी घमासान सड़कों से लेकर छत्तीसगढ़ सदन और कांग्रेस मुख्यालय तक दिखाई दिया. जहां छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधायक, बघेल सरकार के मंत्री और सूबे के कई शहरों के मेयर मौजूद रहे. पहले विधायकों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात की. इस मुलाकात में विधायकों और प्रदेश के नेताओं ने बघेल को सीएम बनाए रखने की वकालत की. हालांकि सीएम भूपेश बघेल ने विधायकों को दिल्ली बुलाने के सवाल पर शक्ति प्रदर्शन से जुड़ी बातों को नकार दिया. उन्होंने कहा कि यह शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है. हमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर पूरा विश्वास है. बघेल के समर्थन में विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि सीएम बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में लगातार विकास के कार्य किए जा रहे हैं. हम जनता की सेवा कर रहे हैं.
बुधवार को सीएम ने दिया था बड़ा बयान
इससे पहले बुधवार को रायपुर लौटने पर सीएम भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश पर सीएम बने हैं. जिस दिन वह, उन्हें सीएम पद छोड़ने के लिए कहेंगे वे इस पद को तत्काल त्याग देंगे. साथ ही सीएम पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को उन्होंने नकार दिया. सीएम बघेल ने कहा कि यह विपक्ष की साजिश है. कुछ लोग राज्य में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.
बघेल सिंहदेव के बीच रिश्ते नहीं हैं सहज
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.आपको बता दें कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. जिसके बाद ही पार्टी के अंदर सीएम पद को लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. सिंहदेव दबी जुबान में कई बार दिल्ली दरबार तक अपनी मन की बात पहुंचा चुके हैं.
अभी हाल में छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बृहस्पति-सिंहदेव का विवाद काफी गहराया था. मानसून सत्र से एक दिन पहले बृहस्पति सिंह के काफिले पर सरगुजा में हमला हुआ था. इस हमले का आरोप बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव पर लगा दिया था. जिसके बाद मानसून सत्र में यह मुद्दा काफी गरमाया. खुलकर सिंहदेव, राज्य सरकार और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से नाराज नजर आए. वह सदन से बाहर भी चले गए. करीब दो दिनों तक यह सियासी हंगामा चलता रहा. जब गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में इस मुद्दे पर बयान दिया, तब जाकर सिंहदेव माने. कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस घटना के बाद से सिंहदेव काफी नाराज चल रहे हैं. जिसके बाद से प्रदेश में ढाई-ढाई साल के सीएम पद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सीएम बघेल इसे विरोधियों की साजिश बता रहे हैं. जबकि सिंहदेव ने मीडिया में यह कहा कि टीम में खेल रहा खिलाड़ी कभी न कभी कप्तान तो बनना चाहता है.