रायपुर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर थे. यहां उन्होंने साइंस कॉलेज मैदान में जनसभा को संबोधित किया. इस मौके पर राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के कृषि उप्तादों के बार में जानकारी ली. यहां लगाई गई प्रदर्शनी में बस्तर कॉफी का स्टॉल भी लगाया गया था. राहुल गांधी ने इस दौरान बस्तर कॉफी की चुस्की ली. उन्होंने बस्तर कॉफी की काफी तारीफ की. राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा कि इस कॉफी को देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेकर जाएं और बस्तर की कॉफी के लिए बड़े कंपनियों के साथ एमओयू करने का भी सुझाव दिया. ईटीवी भारत की टीम भी बस्तर कॉफी के स्टॉल पर पहुंची और बस्तर में कॉफी की खेती की शुरुआत करने वाले साइंटिस्ट डॉक्टर केपी सिंह से खास बातचीत की
सवाल - आज राहुल गांधी ने बस्तर काफी का स्वाद चखा और इसकी तारीफ की है ?
जवाब- केपी सिंह ने बताया कि राहुल गांधी ने बस्तर के कॉफी का स्वाद चखा और जो हितग्राही हैं जो अपने जमीन पर कॉफी की खेती कर रहे हैं. उनसे बातचीत की, कॉफी का स्वाद लेने के बाद उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों की कॉफी से भी बहुत अच्छा स्वाद है बस्तर की कॉफी का. उन्होंने कहा कि बस्तर की कॉफी का एमओयू किया जाना चाहिए
सवाल- आपने इसकी शुरुआत कैसे की और बस्तर में यह कैसे संभव हो पाया?
जवाब- साल 2017 में जब अमित कटारिया बस्तर के डीएम हुआ करते थे उस दौरान अपलैंड में कौन सी फार्मिंग हो सकती है. इस पर विचार किया गया. जिसमें कॉफी, काली मिर्च, सिल्वर ओक, आम, कटहल की खेती करने पर विचार किया गया. उसी समय से बस्तर कॉफी की खेती की शुरुआत हुई. बस्तर की समुद्र तल से ऊंचाई 600 से 1200 मीटर है. इसमें हम मैनमेड शेड बनाकर ड्रीप एरिगेशन से 5 वैराइटी के साथ कॉफी की खेती की शुरुआत की. अभी कॉफी का प्रोडक्शन काफी अच्छा हो राह है. करीब 55 क्विंटल कॉफी का प्रोडक्शन हुआ है. जिसमें 10 क्विंटल कॉफी को प्रोसेस कर इसकी सप्लाई की जा रही है. रोजना 9 से 10 हजार रुपेय की बिक्री भी हो रही है.
सवाल- शुरुआत में कितने एकड़ जमीन पर खेती की गई और अभी कितने एकड़ जमीन पर इसकी खेती की जा रही है?
जवाब- बस्तर की जमीन पर कॉफी का उत्पादन हो सकता है या नहीं एक रिसर्च के तौर पर शुरुआती दिनों में 20 एकड़ जमीन पर इसकी खेती शुरू की गई. उस दौरान कॉफी एरेबिका और कॉफी ओरोबस्टा दोनों से शुरुआत की गई. हमने 5 वैराइटी लगाई. आज के समय में कॉफी ओरोबस्टा का बहुत अच्छा परफॉमेंस है. कॉफी एरेबिका चन्द्रगिरि वैरायटी का बहुत अच्छा रिजल्ट आ रहा है. किसान इसे देखकर खुद से अपनी जमीन पर खुद कॉफी की खेती कर रहे है. करीब 300 एकड़ में इसकी खेती की जा रही है.
सवाल- कॉफी का उत्पादन किस तरह से होता है?
जवाब- सबसे पहले जो फल होता है लाल रंग का उसे चेरी कॉफी कहा जाता है. पौधे से चेरी कॉफी को हार्वेस्ट करने के बाद, उसका फर्मेंटेशन करने के बाद कॉफी तैयार होता है. उसके बाद प्रोसेस और होलिग करने के बाद क्लीन कॉफी( सीसी काफी) मिलती है. क्लीन कॉफी को रोस्ट किया जाता है. रोस्टिंग भी तीन-चार तरीके से होती है. और जिसका ब्लेंडिंग भी अलग-अलग तरह से बनता है. इसके लिए टेक्निकल काम कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर द्वारा किया गया है. मुख्यमंत्री ने टी ओर कॉफी बोर्ड की स्थापना भी कर दी है आने वाले एक साल के अंतर्गत 3 हजार एकड़ में कॉफी की खेती की जाएगी.
सवाल- राहुल गांधी ने बस्तर कॉफी की तारीफ की है. इससे आप लोगों का उत्साह बढ़ा होगा.
जवाब- मुझे यह बताया गया था कि राहुल गांधी कॉफी को बेहद पसंद करते हैं. जो रेगुलर कॉफी ड्रिंकर होता है वही बता पाते हैं कि कॉफी का असली स्वाद क्या है. उन्होंने जिस तरह से प्रशंसा की और उन्होंने बताया कि किस तरह से बस्तर की कॉफी की इंटरनेशनल मार्केटिंग और एमओयू की जाए. आने वाले दिनों में बस्तर कॉफी का भविष्य काफी उज्जवल है.