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विश्व रेडियो दिवस: लोगों में आज भी रेडियो का क्रेज बरकरार

विश्वभर में आज विश्व रेडियो दिवस मनााया जा रहा है. इसे लेकर रेडियो के श्रोताओं से ETV भारत की टीम ने बातचीत की. इस दौरान श्रोताओं ने कहा कि 'आज भी रेडियो का क्रेज बरकरार है'.

Radio Day is being celebrated all over the world
आज भी रेडियो का क्रेज बरकरार
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Published : Feb 13, 2020, 4:48 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 5:23 PM IST

रायपुर: विश्वभर में आज रेडियो दिवस मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर ETV भारत की टीम ने रेडियो के श्रोताओं से बातचीत की, तो उनका कहना है कि 'रेडियो ही एक ऐसा माध्यम है, जो हर घर तक पहुंचा है, जिससे लोगों को खेती-बाड़ी से लेकर अन्य समाचारों की भी जानकारी मिलती है. लोगों ने बताया कि आज भी ग्रामीण इलाकों में रेडियो का क्रेज बरकरार है.

आज भी रेडियो का क्रेज बरकरार

रेडियो के श्रोताओं का कहना है कि 'आज भले ही हम डिजिटल जमाने में जी रहे हैं, हमारे पास टीवी, मोबाइल, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया है, लेकिन आज भी रेडियो की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. ETV भारत से बाचतीत करते हुए लोगों ने बताया कि 'रेडियो का महत्व आज भी उतना ही है, जितना कुछ वर्षों पहले तक था. श्रोताओं ने बताया कि 'आज भी भारत का 70 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और रूलर एरिया में बसता है. जहां तक टेलीविजन आज भी अपनी पकड़ नहीं बना पाया है'.

रेडियो को कहीं भी कभी भी सुन सकते हैं'

लोगों ने इस दौरान बताया कि 'आज भी दुनिया से जुड़े रहने का उनके पास सिर्फ रेडियो ही वो साधन है, इसलिए आज भी वह रेडियो से जुड़े हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि 'आगे भी जुड़े रहेंगे. रेडियो ही एक ऐसा साधन है, जो हम कभी भी कहीं भी हाथ में लेकर खेती-बाड़ी करते हुए सुन सकते हैं. मनोरंजन के कार्यक्रम भी इसमे सुनाए जाते हैं, जिसके लिए हमें अलग से समय नहीं देना पड़ता. हम अपना काम करते करते भी रेडियो के प्रोग्राम बड़े ही आराम से सुन सकते हैं.

नेता मंत्री भी इसे सबसे बेहतर साधन मानते हैं

बता दें कि 'आज के समय में भी रेडियो कितना जरूरी है. यह इससे पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लोगों से जुड़ने का काम रेडियो के माध्यम से ही करते हैं, जो लोगों को रेडियो कीओर आकर्षित करता है.

रायपुर: विश्वभर में आज रेडियो दिवस मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर ETV भारत की टीम ने रेडियो के श्रोताओं से बातचीत की, तो उनका कहना है कि 'रेडियो ही एक ऐसा माध्यम है, जो हर घर तक पहुंचा है, जिससे लोगों को खेती-बाड़ी से लेकर अन्य समाचारों की भी जानकारी मिलती है. लोगों ने बताया कि आज भी ग्रामीण इलाकों में रेडियो का क्रेज बरकरार है.

आज भी रेडियो का क्रेज बरकरार

रेडियो के श्रोताओं का कहना है कि 'आज भले ही हम डिजिटल जमाने में जी रहे हैं, हमारे पास टीवी, मोबाइल, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया है, लेकिन आज भी रेडियो की लोकप्रियता कम नहीं हुई है. ETV भारत से बाचतीत करते हुए लोगों ने बताया कि 'रेडियो का महत्व आज भी उतना ही है, जितना कुछ वर्षों पहले तक था. श्रोताओं ने बताया कि 'आज भी भारत का 70 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और रूलर एरिया में बसता है. जहां तक टेलीविजन आज भी अपनी पकड़ नहीं बना पाया है'.

रेडियो को कहीं भी कभी भी सुन सकते हैं'

लोगों ने इस दौरान बताया कि 'आज भी दुनिया से जुड़े रहने का उनके पास सिर्फ रेडियो ही वो साधन है, इसलिए आज भी वह रेडियो से जुड़े हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि 'आगे भी जुड़े रहेंगे. रेडियो ही एक ऐसा साधन है, जो हम कभी भी कहीं भी हाथ में लेकर खेती-बाड़ी करते हुए सुन सकते हैं. मनोरंजन के कार्यक्रम भी इसमे सुनाए जाते हैं, जिसके लिए हमें अलग से समय नहीं देना पड़ता. हम अपना काम करते करते भी रेडियो के प्रोग्राम बड़े ही आराम से सुन सकते हैं.

नेता मंत्री भी इसे सबसे बेहतर साधन मानते हैं

बता दें कि 'आज के समय में भी रेडियो कितना जरूरी है. यह इससे पता चलता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लोगों से जुड़ने का काम रेडियो के माध्यम से ही करते हैं, जो लोगों को रेडियो कीओर आकर्षित करता है.

Last Updated : Feb 13, 2020, 5:23 PM IST
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