रायपुर: जनससंख्या नियंत्रण को लेकर और लोगों को जागरुक करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 21 नवंबर से लेकर 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी अभियान चलाया जा रहा है. नसबंदी पखवाड़े के तहत राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग लोगों के बीच नसबंदी को लेकर चली आ रही गलतफहमियों को दूर कर रहा है. नसबंदी पखवाड़े के दौरान एएनएम की दीदी और मितानिनें घर घर जाकर हितग्राही परिवार वालों से मिल रहीं हैं और उनको नसबंदी के बारे में बता रहीं है. पखवाड़े के दौरान परिवार वालों को परिवार नियोजन की सेवाएं जो सरकार की ओर से मुहैया कराई जाती हैं उसके बारे में भी जानकारी दी जा रही है.
परिवार नियोजन के साधन: राज्य के परिवार एवं कल्याण विभाग के उप संचालक टीके टोंडर ने बताया कि बढ़ती जनससंख्या को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है. राज्य सरकार भी लगातार लोगों को बढ़ती जनसंख्या का काबू में रखने की हिदायत अपने तरीके से दे रही है. लोगों को भी चाहिए कि वो एक दूसरे को इसके लिए जागरुक करें. समाज के स्तर पर जब इसकी कोशिश होगी तो उसका फायदा बड़े स्तर पर होगा. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो पिछले 5 वर्षों में 2 लाख 59 500 से ज्यादा पुरुषों ने नसबंदी कराई. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि प्रदेश के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन की दवाईयां और साधन मोजूद हैं.
गलतफहमियों को करें दूर: परिवार नियोजन को लेकर सरकार और स्वंयसेवी संस्थाएं लगातार लोगों को जागरूक करने का काम करती हैं. बढ़ती जनसंख्या को लेकर पूरा देश और विश्व भी चिंतित है. जरूरत आज इस बात की है कि हम परिवार नियोजन के साधनों को इस्तेमाल करें और जो गलतफहमियां समाज में हैं उसे दूर करें. कई लोग ये मानते हैं कि पुरुष नसबंदी के बाद कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है और स्वास्थ्य लाभ लेना पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. परिवार नियोजन के तहत नसबंदी का ऑपररेशन 20 मिनट में पूरा हो जाता है. 24 घंटे के बाद आदमी अपना सामान्य काम भी करने लगता है.