रायपुर: सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छतीसगढ़ के वितीय वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया. जिसे लेकर नेताओं, जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया आ रही है. नगरीय निकायों को लेकर बजट कैसा रहा. इसे लेकर ETV भारत ने रायपुर नगर निगम के जनप्रतिनिधियों से बातचित की.
बजट में शहरी और ग्रामीण विकास पर बजट में जोर
रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि यह पहला बजट होगा, जिसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ शहर की मूलभूत समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने बजट में राशि रखी है. इस बजट में खास बात रही कि स्व सहायता समूह को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रावधान रखा है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता दीदी का वेतन बढ़ाया है. ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी विकास के लिए भी बजट में ध्यान दिया है.
'संंतुलित बजट'
रायपुर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने बजट को संतुलित बजट बताया. उन्होंने कहा कि बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. बजट में मुख्यमंत्री ने रायपुर शहर को 3 नए स्कूल दिए हैं. ढेबर ने कहा कि अभी शहरी स्लम योजना की 15 बसें चल रही हैं. 15 और नई बसों का बजट में प्रावधान रखा गया है. उन्होंने दोहराया कि बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य का खास ख्याल रखा गया है.
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'बजट में रायपुर को नहीं मिला कुछ'
सुंदर नगर वार्ड के पार्षद मृत्युंजय दुबे ने बजट को लेकर कहा कि नगरीय प्रशासन में रायपुर शहर के 70 वार्डो में रहने वाली 15 लाख जनता के लिए सड़क, बिजली, पानी को लेकर कुछ भी नया नहीं हुआ. सिर्फ स्मार्ट सिटी और केंद्र सरकार की अमृत जल मिशन योजना के ही कार्य हो पा रहे हैं. दुबे ने कहा कि राज्य सरकार की अधोसंरचना मद से जो पैसे मिलते थे वह भी नहीं मिल रहे हैं. बजट में शहरी विकास और रायपुर शहर के विकास के लिए ज्यादा कुछ नहीं मिला है. यह सिर्फ आकड़ो का खेल है. इसमें अलग-अलग मदों में सिर्फ आंकड़े पेश किए गए हैं.