रायपुर: छत्तीसगढ़ में नई बिजली दरों को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग की ओर से जन सुनवाई की जा रही है. मंगलवार 23 फरवरी से शुरू की गई जन सुनवाई 2 दिनों तक चलेगी. पहले दिन की सुनवाई में कृषि और आम उपभोक्ताओं की सुनवाई की गई. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी और किसान प्रतिनिधियों ने नियामक आयोग के सामने आपत्तियां दर्ज कराई है. साथ ही बिजली की नई दरों को लेकर भी अपना विरोध जताया.
छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने नए सत्र के लिए बिजली नियामक आयोग को लेखा-जोखा दिया है. आयोग अब उसको सामने रखकर मंगलवार और बुधवार को अलग-अलग वर्गों से जनसुनवाई कर सुझाव ले रहा है. इन सुझावों के बाद समीक्षा करके नया बिजली का टैरिफ तय किया जाएगा. आयोग ने जो जन सुनवाई तय की है, उसमें मंगलवार 23 फरवरी को कृषि और उससे संबंधित काम करने वालों को बुलाया गया था. साथ ही गैर घरेलू उपभोक्ता और घरेलू उपभोक्ताओं ने पहले दिन अपने पक्ष रखे हैं.
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इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों को बिजली बिल माफ और आम लोगों को बिजली बिल हाफ का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार अब दूसरे दरवाजे से बिजली बिल बढ़ाने की तैयारी कर रही है. बिजली कंपनियों को जो घाटा हो रहा है, उसे आम लोगों के जेब से वसूला जा रहा है. इस तरह के कथनी और करनी में अंतर अब साफ दिखाई दे रहा है.
किसानों ने भी बताई अपनी समस्या
बिजली विभाग की जनसुनवाई के दौरान किसान संगठन के प्रतिनिधियों ने भी अपने तरफ से आपत्ति दर्ज की है. प्रगतिशील किसान संघ के संयोजक राजकुमार गुप्ता ने कहा है कि पहले से ही किसानों के सामने कई तरह की समस्याएं हैं. हमारी आपत्ति है कि किसानों को लेकर देशभर में आंदोलन चल रहा है, ऐसे हालात में किसानों के लिए एनर्जी चार्जेस जोकि आम उपभोक्ताओं से भी ज्यादा है, उसे कम किया जाए. किसानों के बिजली कनेक्शन में मीटर ना होने के चलते फीडर से डायरेक्ट बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. ऐसे में कम खपत करने वाले किसानों को भी ज्यादा बिल देना पड़ रहा है.
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घरेलू उपभोक्ताओं के लिए छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के महासचिव राजा अहमद ने मांग रखी. उन्होंने कहा कि पिटीशन कंपनी ने बिजली दरों को बढ़ाने की डिमांड तो नहीं रखी है लेकिन ऐसी उम्मीद है कि बिजली दरें बढ़ाई जाएगी. छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग स्वतः संज्ञान लेते हुए बिजली दरों को बढ़ाने की तैयारी में है. हमारी मांग है कि बिजली कंपनी के 6,000 करोड़ के घाटे के कारण आम उपभोक्ता से वसूली सही नहीं है.
सुझाव के बाद नई दरों को लेकर लेंगे निर्णय
छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग के सचिव एमएस रत्नम कहते हैं कि 2 दिनों तक सुनवाई की जा रही है. पहले दिन कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं की सुनवाई की गई है. वहीं दूसरे दिन उच्च दाब और निम्न दाब के उपभोक्ताओं की सुनवाई की जाएगी. साथ ही नगरीय निकाय और ट्रेड यूनियनों के भी सुझाव शामिल किए जाएंगे. इस सुनवाई के दौरान हम लोगों के आपत्ति और सुझाव को शामिल करने के बाद ही नई दरों को लेकर कोई निर्णय लेंगे.