रायपुर: राजधानी में स्वच्छता, साफ-सफाई, पेयजल , आम नागरिकों से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी नगर निगम रायपुर के हाथों में है. नगर निगम प्रशासन में अलग-अलग विभागों में कई बार तालमेल नहीं होने के कारण आम जनता को खामियाजा भुगतना पड़ता है. रायपुर नगर निगम के अंतर्गत बहुत से ऐसे विभाग हैं जिनके बीच मतभेद देखने को मिलता है. दरअसल नगर निवेशक विभाग नए कालोनियों को परमिशन देने का काम करता है. इसके साथ ही इनसे प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली भी शुरू कर दी जाती है. लेकिन जिस प्रकार से पेयजल की सुविधाएं लोगों को पहुंचनी चाहिए वह नहीं पहुंच पाती है.
देखें: छत्तीसगढ़ भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू EXCLUSIVE
भाजपा पार्षद ने साधा निशाना
नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पार्षद सूर्यकांत राठौर का कहना है कि, इकाई विभागों में सामंजस्य देखने को नहीं मिलता है. बहुत से निर्माण कार्य किए जाते हैं, लेकिन उनका मेंटेनेंस भी सही ढंग से नहीं हो पाता. नगर निगम में अधिकारियों और नेताओं के बीच भी सामंजस्य नहीं है. सभापति और महापौर के बीच भी सामंजस्य नहीं दिखता है. नगर निगम आयुक्त और महापौर के बीच सामंजस्य नहीं दिखाई देता है. इतना ही नहीं नगर निगम के महापौर और नगरीय प्रशासन मंत्री के बीच भी सामंजस्य देखने को नहीं मिलता है. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
मामले में नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है नगर निगम में बहुत से विभाग होते हैं. नगर निगम की संपत्ति का शाखा अलग है, जल शाखा अलग है ,योजना शाखा अलग है, नगर निगम में विभिन्न विभाग में प्रमुख लोगों की बैठक होती है. बैठक के जरिए तालमेल बैठाया जाता है.
देखें: रायपुर में इस योजना से महिलाएं छू रही आसमान
महापौर ने दी सफाई
मामले में नगर निगम महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि नगर निगम बहुत बड़ा विभाग है. यहां 7 हजार से 8 हजार लोग कार्य करते हैं. बैठक के माध्यम से सामंजस्य बैठाने का प्रयास हमेशा जारी रहता है. फिलहाल ऐसी स्थिति अभी नहीं आ रही है. शुरुआती दिनों में थोड़ी दिक्कतें होती थी. लेकिन उसे सुधार कर दिया गया है. कई बार अधिकारियों के ट्रांसफर होने पर विभाग में असमंजस की स्थिति आती है. लेकिन समय पर उसे ठीक कर लिया जाता है.
देखें: छतीसगढ़ की औद्योगिक नीति सबसे बेहतर- कवासी लखमा
इन विभागों में तालमेल नहीं
रायपुर में ज्यादातर समस्या स्मार्ट सिटी और नगर निगम के विभागों में नजर आ रही है. एक तरफ नगर निगम सौंदर्यीकरण के नाम पर निर्माण कार्य करवा रहा है. वहीं रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड उसे तोड़कर ब्यूटीफिकेशन का कार्य कर रहा है. इसके अलावा नगर निवेश विभाग शहर के आउटर में कॉलोनियों को बसने की इजाजत दे रहा है. तो वहीं राजस्व के नाम पर संपत्ति कर भी लिया जा रहा है. लेकिन सुविधाएं नहीं दी जा रही है.