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यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य खतरे में !

यूक्रेन से लौटे छत्तीसगढ़ की छात्रों का भविष्य खतरे में है. अब तक एडमिशन नहीं हो पाया है. अभिभावकों और बच्चों ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है.

Future of children returned from Ukraine in danger
यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य खतरे में
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Published : Aug 7, 2022, 3:55 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 7:48 PM IST

रायपुर: युक्रेन से छत्तीसगढ़ लौटे छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाने की वजह से छात्र काफी परेशान है. अब तक यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्रों का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाया है. इसको लेकर आज यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों और उनके अभिभावकों ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और राजपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. अभिभावक सुनील पुरोहित ने कहा " हम पिछले 5 महीने से यह कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बच्चों का एडमिशन प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में हो जाए. लेकिन अब तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार के माध्यम से ऐसी कोई पहल नहीं की गई है, जिससे हमारे बच्चों का एडमिशन हो, हमारे बच्चों का भविष्य खतरे में है."

यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य खतरे में

यह भी पढ़ें: बीजापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी हर घर तिरंगा को लेकर उत्साह

यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य केंद्र और राज्य सरकार के हाथ में: अभिभावक अनिल कुमार शर्मा ने बताया "यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अभी भी चल रहा है. मिशन गंगे के माध्यम से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों को वापस अपने देश लाए. 5 महीने हो गए है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों को इनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है. छत्तीसगढ़ के 207 बच्चे हैं जिन्हें वापस लाया गया है. राज्य सरकार ने भी अब तक इसको लेकर कोई पहल नहीं की है. जिससे प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

अन्य राज्यों ने केंद्र सरकार से इच्छा जाहिर की है कि वह अपने राज्य के बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे. मेडिकल कॉलेज में बच्चों का एडमिशन करवाएंगे. छत्तीसगढ़ के तरफ से अब तक कुछ ऐसा रिप्रेजेंटेशन केंद्र सरकार को नहीं गया है. वह अपने प्रदेश के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देंगे. हमने आज मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को हमारी समस्याओं के संबंध में आगाह कराते हुए ज्ञापन सौंपा है.

सरकार से हमें अपने मेडिकल कॉलेज में पढ़ने की अनुमति दें: स्टूडेंट अनुरव सिन्हा ने बताया "हमें यूनिवर्सिटी से बोला जा रहा हैं कि वह हमें ऑनलाइन पढ़ाई वैलिड कर देंगे. लेकिन जो हमारी रेगुलेटरी बॉडी एनएमसी है. वह कह रही है कि किसी भी तरह का ऑनलाइन पढ़ाई अब वैलिड नहीं है. आपको पढ़ाई करनी है तो आप ऑफलाइन यूक्रेन जाकर पढ़ाई करनी होगी. हम सबको पता है कि यूक्रेन की स्थिति अभी क्या है. अभी भी वहां युद्ध चल रहा है. जिस वजह से हम भारत वापस आए हैं. यूक्रेन में ऐसी स्थिति है तो हम वापस कैसे जा सकते हैं. हमारा रिक्वेस्ट सिर्फ शासन से यही है कि यहां वह हमें पढ़ाई की अनुमति दें. बाद में हमें डॉक्टर बनाने के लिए जो एग्जाम आपको लेना है उसके लिए हम सब तैयार हैं.

रायपुर: युक्रेन से छत्तीसगढ़ लौटे छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाने की वजह से छात्र काफी परेशान है. अब तक यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्रों का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाया है. इसको लेकर आज यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों और उनके अभिभावकों ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और राजपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. अभिभावक सुनील पुरोहित ने कहा " हम पिछले 5 महीने से यह कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बच्चों का एडमिशन प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में हो जाए. लेकिन अब तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार के माध्यम से ऐसी कोई पहल नहीं की गई है, जिससे हमारे बच्चों का एडमिशन हो, हमारे बच्चों का भविष्य खतरे में है."

यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य खतरे में

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यूक्रेन से लौटे बच्चों का भविष्य केंद्र और राज्य सरकार के हाथ में: अभिभावक अनिल कुमार शर्मा ने बताया "यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अभी भी चल रहा है. मिशन गंगे के माध्यम से यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों को वापस अपने देश लाए. 5 महीने हो गए है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों को इनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है. छत्तीसगढ़ के 207 बच्चे हैं जिन्हें वापस लाया गया है. राज्य सरकार ने भी अब तक इसको लेकर कोई पहल नहीं की है. जिससे प्रदेश के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके.

अन्य राज्यों ने केंद्र सरकार से इच्छा जाहिर की है कि वह अपने राज्य के बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होने देंगे. मेडिकल कॉलेज में बच्चों का एडमिशन करवाएंगे. छत्तीसगढ़ के तरफ से अब तक कुछ ऐसा रिप्रेजेंटेशन केंद्र सरकार को नहीं गया है. वह अपने प्रदेश के बच्चों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देंगे. हमने आज मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को हमारी समस्याओं के संबंध में आगाह कराते हुए ज्ञापन सौंपा है.

सरकार से हमें अपने मेडिकल कॉलेज में पढ़ने की अनुमति दें: स्टूडेंट अनुरव सिन्हा ने बताया "हमें यूनिवर्सिटी से बोला जा रहा हैं कि वह हमें ऑनलाइन पढ़ाई वैलिड कर देंगे. लेकिन जो हमारी रेगुलेटरी बॉडी एनएमसी है. वह कह रही है कि किसी भी तरह का ऑनलाइन पढ़ाई अब वैलिड नहीं है. आपको पढ़ाई करनी है तो आप ऑफलाइन यूक्रेन जाकर पढ़ाई करनी होगी. हम सबको पता है कि यूक्रेन की स्थिति अभी क्या है. अभी भी वहां युद्ध चल रहा है. जिस वजह से हम भारत वापस आए हैं. यूक्रेन में ऐसी स्थिति है तो हम वापस कैसे जा सकते हैं. हमारा रिक्वेस्ट सिर्फ शासन से यही है कि यहां वह हमें पढ़ाई की अनुमति दें. बाद में हमें डॉक्टर बनाने के लिए जो एग्जाम आपको लेना है उसके लिए हम सब तैयार हैं.

Last Updated : Aug 7, 2022, 7:48 PM IST
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