रायपुर : राजधानी में चुनावी साल होने के कारण आए दिन धरना प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. लेकिन पिछले 133 दिनों से अनुकंपा संघ की महिलाएं प्रदर्शन कर रही है. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के बैनर तले महिलाएं अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन पर हैं. सोमवार को अनुकंपा संघ की महिला सदस्य शांति साहू ने अपना मुंडन कराकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी महिला का कहना है कि "आज केवल एक महिला ने अपना मुंडन कराया है, सरकार अगर बजट सत्र में इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में अनुकंपा संघ की सभी महिलाएं सरकार के विरोध में मुंडन कराकर अपना विरोध जताएंगी. अपने कटे हुए बालों का हार बनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पहनाने की तैयारी में है.''
कितने दिनों से जारी है आंदोलन :मुंडन कराने वाली दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवा शांति साहू ने बताया कि "अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले 133 दिनों से विधवा महिलाएं अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रही हैं. सरकार बनने के पहले कांग्रेस ने अनुकंपा नियुक्ति का वादा किया था, लेकिन सरकार ने उस वादा को आज तक पूरा नहीं किया है. सरकार अन्याय कर रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान प्रियंका गांधी के स्वागत के लिए 1 किलोमीटर तक गुलाब का फूल बिछा दिया गया था.''
''प्रदेश की बहू और बेटी प्रदर्शन कर रही हैं, क्या यह सरकार को दिखाई नहीं देता. सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, लेकिन हमारे साथ अन्याय हो रहा है. प्रदेश सरकार क्या गूंगी और बहरी है, जो विधवाओं की परेशानी उन्हें नजर नहीं आ रही है. शिक्षाकर्मी की पत्नी होने का यह नतीजा आज भुगतना पड़ रहा है. पति के चले जाने के साथ ही आज पूरा परिवार खत्म हो गया है. मुंडन हो रही है महिला शांति साहू ने सरकार को दोगला तक कह दिया. अगर सरकार बजट में इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में सभी महिलाएं मुंडन कराकर कटे हुए बाल का मुख्यमंत्री को हार पहनाया जाएगा."
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बीजेपी ने भी कांग्रेस सरकार को घेरा :मुंडन कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "छत्तीसगढ़ को हम महतारी का दर्जा देते हैं. माताओं के सम्मान की अगर हम रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, तो ऐसे में हमें नहीं लगता कि इससे ज्यादा और कोई शर्मनाक बात हो सकती है. आज के इस मुंडन कार्यक्रम को दुखद और मार्मिक बताते हुए यह घटना हमें लज्जित करने के साथ ही इस घटना को लेकर कहीं ना कहीं हमारी आंखें झुकी हुई है. आज के इस मुंडन कार्यक्रम को रोकने का प्रयास सरकार के द्वारा नहीं किया गया.'सरकार को स्वाभिमान और सम्मान की बात ना सोचकर अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सहानुभूति पूर्वक विचार करना चाहिए.''