रायपुर: आयुर्वेदिक कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने स्टाइपेंड नहीं मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया है. कई महीने से स्टाइपेंड की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने धरना-प्रदर्शन कर कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि लगभग छह महीने से उन्हें स्टाइपेंड नहीं दिया गया है.
अब आयुर्वेदिक कॉलेज को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है. जूनियर डॉक्टर्स काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी बातें सुनने वाला कोई नहीं है. कोरोना काल में ये सभी डॉक्टर्स लगातार अपनी सेवा दे रहे हैं.
काली पट्टी लगाकर रखी अपनी मांग
जूनियर डॉक्टर संघ के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश तिवारी ने बताया कि पिछले पांच महीने से स्टाइपेंड नहीं मिला है और वे अपनी मांग को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के चक्कर काटकर परेशान हो चुके हैं. विभागीय सचिव संचालक से लेकर मंत्री तक ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. डॉक्टरों ने बताया कि परेशान होकर सब ने काम रोक कर काली पट्टी लगाकर अपनी मांग रखी है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग नहीं पूरी की जाएगी वे सभी हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.
आयुर्वेदिक महाविद्यालय के कुलपति जीएस बघेल ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. हर बार ट्रेजरी से फाइल रिजेक्ट कर दिया जाता है कि जो लिमिट था वो खत्म हो गया है. इसलिए अपने उच्चाधिकारियों को फाइल भेजा गया है, ताकि जल्द से जल्द निराकरण हो. उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं, इसकी भी सूचना दे दी गई है.
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सीएसपी नसर सिद्दकी ने कहा कि छात्रों को स्टाइपेंड मिलना था, लेकिन उन्हें नहीं मिला है. इसीलिए वे सभी इकट्ठा हुए और इसका विरोध किया. पुलिस को सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर टीम पहुंच गई. जिसके बाद विद्यालय प्रबंधन से बातचीत की गई. उनका कहना है कि जैसे ही कोई विकल्प निकाला जाएगा सूचित किया जाएगा.