रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने केन्द्रीय वित्त मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 23 अप्रैल को जारी आदेश को कर्मचारी विरोधी बताया है. इसे आर्थिक आपातकाल और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी टूटने की संज्ञा दी है. संघ के प्रांतीय महामंत्री विजय कुंमार झा ने कहा है कि 'केन्द्र सरकार के कर्मचारी विरोधी आदेश से प्रदेश के लाखों अधिकारी, कर्मचारी गुस्से में हैं'.
इस निर्देश के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को ड़ेढ वर्ष की अवधि के मंहगाई भत्ता के 3 किश्त क्रमशः जुलाई 2020, जनवरी 2021 और जुलाई 2021 तक रोक लगने के साथ -साथ जनवरी 20 के एरियर्स के भुगतान पर भी रोक लगाई गई है. एक साल तक प्रतिमाह वेतन से एक दिन का वेतन कटौती भी की जाएगी. इसके विपरित राज्य सरकार के कर्मचारियों को आज की स्थिति में ढाई साल के मंहगाई भत्ता पर रोक लगी हुई है.
जनवरी 20 से ही मंहगाई भत्ता का भुगतान नहीं हुआ
छत्तीसगढ़ के अधिकारी, कर्मचारियों को जुलाई 2019 से क्रमशः जुलाई 19, जनवरी 20 से ही मंहगाई भत्ता का भुगतान नहीं हुआ है. इस प्रकार प्रदेश के कर्मचारी ढाई साल तक मंहगाई भत्ता से वंचित रहेंगे.