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Protest of Chhattisgarh Staff Officer Federation : बघेल सरकार के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग - क्या है कर्मचारी अधिकारी संघ की मांग

छत्तीसगढ़ में चुनावी साल होने के कारण हर कोई इस मौके को भुनाने की तैयारी में है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी 4 सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. मांगें समय पर पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

Protest of Chhattisgarh Staff Officer Federation
पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग
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Published : Mar 3, 2023, 6:25 PM IST

Updated : Mar 4, 2023, 12:50 AM IST

पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि '' पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को तत्काल सौंपी जाए, और उसे सार्वजनिक किया जाए, इसके साथ ही केंद्र के सामान महंगाई और गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. शुक्रवार को जिला ब्लॉक और तहसील स्थल पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया.

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय संरक्षक अजय तिवारी ने बताया कि '' इसके पहले भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक प्रदर्शन कर चुका है. बावजूद इसके सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है. सरकार ने पिंगुआ कमेटी का गठन वेतन विसंगति को लेकर किया है. लेकिन आज तक पिंगुआ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.''




पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक उमेश मुदलियार ने बताया कि "छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने इसके पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था. जिसके बाद सरकार ने पिंगुवा कमेटी का गठन किया है. पिंगुवा कमेटी की रिपोर्ट आज तक सरकार को नहीं सौंपी गई है. जिसको लेकर आज प्रदेश में ब्लॉक तहसील और जिला स्तर पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम से संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा रहा है. मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों में आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिल रही है. अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा बुलंद करते हुए आने वाले समय में जंगी प्रदर्शन किया जाएगा."



सरकार से आश्वासन नहीं समाधान की मांग :छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि "सरकार से आश्वासन नहीं समाधान चाहिए इस मूल मंत्र को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. इस ज्ञापन के बाद भी सरकार अपनी कुंभकरण की नींद से नहीं जागती है, तो आने वाले 18 मार्च को प्रदेश भर के कर्मचारी अधिकारी अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर जंगी प्रदर्शन करेंगे."



क्या है कर्मचारी अधिकारी संघ की मांग : लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण करने के साथ में सहायक शिक्षक और समस्त एलबी संवर्ग की पूर्व सेवा की गणना वेतन विसंगति दूर की जाए. इसके अलावा वेतन विसंगति दूर करने के लिए कई विभागों के कर्मचारियों ने मांगे की थी. जिस पर 17 सितंबर 2021 को गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें-ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेसियों ने डेरा डालकर जताया विरोध

प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों का लंबित 5% महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता की स्वीकृति का आदेश जारी किया जाए.सरकार ने अपनी जन घोषणा पत्र में चार स्तर पर पदोन्नत वेतनमान दिए जाने की बात कही थी, जिसकी स्वीकृति आदेश जारी की गई थी. प्रदेश के कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर अपनी मांग को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के समक्ष प्रदर्शन किया गया.

पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग

रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का कहना है कि '' पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को तत्काल सौंपी जाए, और उसे सार्वजनिक किया जाए, इसके साथ ही केंद्र के सामान महंगाई और गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. शुक्रवार को जिला ब्लॉक और तहसील स्थल पर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया.

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांतीय संरक्षक अजय तिवारी ने बताया कि '' इसके पहले भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक प्रदर्शन कर चुका है. बावजूद इसके सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है. सरकार ने पिंगुआ कमेटी का गठन वेतन विसंगति को लेकर किया है. लेकिन आज तक पिंगुआ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है. इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए.''




पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक उमेश मुदलियार ने बताया कि "छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने इसके पहले अनिश्चितकालीन हड़ताल किया था. जिसके बाद सरकार ने पिंगुवा कमेटी का गठन किया है. पिंगुवा कमेटी की रिपोर्ट आज तक सरकार को नहीं सौंपी गई है. जिसको लेकर आज प्रदेश में ब्लॉक तहसील और जिला स्तर पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम से संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा रहा है. मांगें पूरी नहीं होने पर प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों में आक्रोश और नाराजगी भी देखने को मिल रही है. अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा बुलंद करते हुए आने वाले समय में जंगी प्रदर्शन किया जाएगा."



सरकार से आश्वासन नहीं समाधान की मांग :छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि "सरकार से आश्वासन नहीं समाधान चाहिए इस मूल मंत्र को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. इस ज्ञापन के बाद भी सरकार अपनी कुंभकरण की नींद से नहीं जागती है, तो आने वाले 18 मार्च को प्रदेश भर के कर्मचारी अधिकारी अपनी मांगों को लेकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर जंगी प्रदर्शन करेंगे."



क्या है कर्मचारी अधिकारी संघ की मांग : लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण करने के साथ में सहायक शिक्षक और समस्त एलबी संवर्ग की पूर्व सेवा की गणना वेतन विसंगति दूर की जाए. इसके अलावा वेतन विसंगति दूर करने के लिए कई विभागों के कर्मचारियों ने मांगे की थी. जिस पर 17 सितंबर 2021 को गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें-ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेसियों ने डेरा डालकर जताया विरोध

प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों का लंबित 5% महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता की स्वीकृति का आदेश जारी किया जाए.सरकार ने अपनी जन घोषणा पत्र में चार स्तर पर पदोन्नत वेतनमान दिए जाने की बात कही थी, जिसकी स्वीकृति आदेश जारी की गई थी. प्रदेश के कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर अपनी मांग को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के समक्ष प्रदर्शन किया गया.

Last Updated : Mar 4, 2023, 12:50 AM IST
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