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छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने क्यों चुना प्रदर्शन का रास्ता?

छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट (private school management in chhattisgarh) ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. संगठन का कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन (Protest) और तेज होगा.

Chhattisgarh Private School Management Association
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन
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Published : Oct 25, 2021, 3:14 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 9:45 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) धरना प्रदर्शन कर रहा है. 5 सूत्रीय मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन हो रहा है. एसोसिएशन का कहना है कि सरकार की तरफ से इनकी मांगों को 3 दिनों के अंदर पूरा नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. एसोसिएशन ने भी बताया कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूल में अनेक समस्याएं हैं. जिसको लेकर शासन और प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है. बावजूद इसके, हमारी मांगों को अनसुना किया गया. जिसके कारण उन्हें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन

RTE के तहत बच्चों के एडमिशन में देरी, पढ़ाई हुई प्रभावित

कोरोना से प्राइवेट स्कूल पर पड़ा असर

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) ने बताया कि, प्रदेश के लगभग 1000 स्कूल कोरोना की वजह से बंद हो चुके हैं. कई स्कूल आने वाले दिनों में बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन को इनकी मांगों को पूरा करना जरूरी हो गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश के और भी सैकड़ों स्कूल आने वाले समय में बंद हो जाएंगे और बच्चों को मजबूरन प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने बताया कि प्रदेश के लगभग 1000 स्कूल कोरोना की वजह से बंद हो चुके हैं और कई स्कूल आने वाले दिनों में बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में शासन प्रशासन को इनकी मांगों को पूरा करना जरूरी हो गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश के और भी सैकड़ों स्कूल आने वाले समय में बंद हो जाएंगे और बच्चों को मजबूरन प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की 4 सूत्रीय मांग इस प्रकार हैं

  • वर्ष 2020 21 की आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि अशासकीय विद्यालयों को जल्द से जल्द प्रदान की जाए. कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों की प्रतिपूर्ति राशि भी सरकारी घोषणा के अनुसार प्रदान किया जाए.
  • 16 महीनों तक स्कूल बसों का संचालन बंद था. अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 तक प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए. बसों की पात्रता अवधि 12 वर्षों से 2 वर्ष आगे बढ़ाकर 14 वर्ष किया जाए.
  • मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया अपनाया है. पूरे प्रदेश में मान्यता की प्रक्रिया 2 से 3 वर्ष पीछे चल रही है. बार-बार स्कूलों को दफ्तर के चक्कर लगवाए जा रहे हैं जो कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था के प्रतिकूल है मान्यता नवीनीकरण के नियमों को संशोधित किया जाए. जिससे मान्यता नवीनीकरण में आसानी हो.
  • लोक शिक्षण संचनालय के पत्र क्रमांक 154 3 अप्रैल 2021 को फौरन प्रभाव से निरस्त कर नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से यूनिफॉर्म और पुस्तक वास्तविक दर पर उपलब्ध कराया जाए. प्राथमिक रूप से यह जिम्मेदारी राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग की है.
  • कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल का शिक्षा विभाग ने निरीक्षण किया था और अलग-अलग जिलों में कमियां पता कर प्राइवेट स्कूल को परेशान किया जा रहा है कोई गंभीर आर्थिक आर्थिक अनियमितता अगर स्कूल में ना पाई जाए तो उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. कोरोना काल के इस त्रासदी में इस बात को ध्यान में रखते हुए इस दौरान स्कूलों को प्रतिरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रदेश स्तर पर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) धरना प्रदर्शन कर रहा है. 5 सूत्रीय मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन हो रहा है. एसोसिएशन का कहना है कि सरकार की तरफ से इनकी मांगों को 3 दिनों के अंदर पूरा नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. एसोसिएशन ने भी बताया कि प्रदेश के प्राइवेट स्कूल में अनेक समस्याएं हैं. जिसको लेकर शासन और प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया है. बावजूद इसके, हमारी मांगों को अनसुना किया गया. जिसके कारण उन्हें प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन

RTE के तहत बच्चों के एडमिशन में देरी, पढ़ाई हुई प्रभावित

कोरोना से प्राइवेट स्कूल पर पड़ा असर

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (Chhattisgarh Private School Management Association) ने बताया कि, प्रदेश के लगभग 1000 स्कूल कोरोना की वजह से बंद हो चुके हैं. कई स्कूल आने वाले दिनों में बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन को इनकी मांगों को पूरा करना जरूरी हो गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश के और भी सैकड़ों स्कूल आने वाले समय में बंद हो जाएंगे और बच्चों को मजबूरन प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने बताया कि प्रदेश के लगभग 1000 स्कूल कोरोना की वजह से बंद हो चुके हैं और कई स्कूल आने वाले दिनों में बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में शासन प्रशासन को इनकी मांगों को पूरा करना जरूरी हो गया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रदेश के और भी सैकड़ों स्कूल आने वाले समय में बंद हो जाएंगे और बच्चों को मजबूरन प्रदेश के शासकीय स्कूलों में पढ़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन की 4 सूत्रीय मांग इस प्रकार हैं

  • वर्ष 2020 21 की आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि अशासकीय विद्यालयों को जल्द से जल्द प्रदान की जाए. कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों की प्रतिपूर्ति राशि भी सरकारी घोषणा के अनुसार प्रदान किया जाए.
  • 16 महीनों तक स्कूल बसों का संचालन बंद था. अप्रैल 2020 से जुलाई 2021 तक प्रदेश की सभी स्कूल बसों का रोड टैक्स माफ किया जाए. बसों की पात्रता अवधि 12 वर्षों से 2 वर्ष आगे बढ़ाकर 14 वर्ष किया जाए.
  • मान्यता नवीनीकरण पर स्कूल शिक्षा विभाग अड़ियल रवैया अपनाया है. पूरे प्रदेश में मान्यता की प्रक्रिया 2 से 3 वर्ष पीछे चल रही है. बार-बार स्कूलों को दफ्तर के चक्कर लगवाए जा रहे हैं जो कि प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था के प्रतिकूल है मान्यता नवीनीकरण के नियमों को संशोधित किया जाए. जिससे मान्यता नवीनीकरण में आसानी हो.
  • लोक शिक्षण संचनालय के पत्र क्रमांक 154 3 अप्रैल 2021 को फौरन प्रभाव से निरस्त कर नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से यूनिफॉर्म और पुस्तक वास्तविक दर पर उपलब्ध कराया जाए. प्राथमिक रूप से यह जिम्मेदारी राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग की है.
  • कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूल का शिक्षा विभाग ने निरीक्षण किया था और अलग-अलग जिलों में कमियां पता कर प्राइवेट स्कूल को परेशान किया जा रहा है कोई गंभीर आर्थिक आर्थिक अनियमितता अगर स्कूल में ना पाई जाए तो उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. कोरोना काल के इस त्रासदी में इस बात को ध्यान में रखते हुए इस दौरान स्कूलों को प्रतिरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.
Last Updated : Oct 25, 2021, 9:45 PM IST
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