रायपुर: छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों का जून 2022 में 5% महंगाई भत्ता बढ़ा है. इसके बाद कर्मचारियों को ढाई हजार से सात-आठ हजार रुपए तक ज्यादा वेतन मिलेगा. इस बढ़ी दर के साथ छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन का 22 फीसदी हो गया (protest of Chhattisgarh government employees) है. जबकि केंद्रीय कर्मचारियों को 34% डीए मिलता है. यानी केंद्र से लगभग 12% डीए कम मिल रहा है. यही वजह है (Chhattisgarh government employees demand to increase DA) कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी लामबंद होकर केंद्र के समान डीए बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे (employees of Chhattisgarh demanded seventh pay scale) हैं.
केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की मांग: कर्मचारी संगठनों का कहना है कि केंद्रीय कर्मियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें केवल 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है. इस बीच आवश्यक वस्तुओं की महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है. उम्मीद के मुताबिक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ने से लोगों को आर्थिक रूप से काफी नुकसान हो रहा है.
300 करोड़ का सरकारी खजाने पर पड़ा भार: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का डीए पहले 17% था. राज्य सरकार ने मई 2022 को 5% डीए बढ़ाया. उसके बाद यह डीए 22% हो गया. छत्तीसगढ़ वित्त विभाग के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन जनवरी 2021 से प्रभावी होगा. इसके अलावा इन कर्मचारियों को 1 जुलाई 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक का एरियर भी मिलेगा. जिसके लिए सरकारी खजाने से 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की संख्या: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा ने बताया ''छत्तीसगढ़ में राज्य के कर्मचारियों की संख्या लगभग 5 लाख है. प्रथम वर्ग में 5% और द्वितीय वर्ग में 12% कर्मचारी हैं. इसी तरह तृतीय वर्ग में 57% और चतुर्थ वर्ग में 26% कर्मचारी हैं. करीब 25 हजार प्रथम वर्ग, 60 हजार द्वितीय वर्ग, 2 लाख 85 हजार तृतीय वर्ग और 1 लाख 30 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं.''
कब, कितना बढ़ा भत्ता
- जनवरी 2020 से 4 प्रतिशत
- जुलाई 2020 से 3 प्रतिशत
- जनवरी 2021 से 4 प्रतिशत
- जुलाई 2021 से 3 प्रतिशत
- जनवरी 2022 से 3 प्रतिशत
- जून 2022 से 5 प्रतिशत
वेतन, पेंशन और ब्याज पर व्यय (प्रतिबद्ध व्यय): राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आम तौर पर वेतन भुगतान, पेंशन और ब्याज से संबंधित व्यय शामिल होते हैं. अगर बजट में प्रतिबद्ध व्यय की मद के लिए बड़ा हिस्सा आवंटित किया जाता है तो इससे राज्य पूंजीगत निवेश जैसी प्राथमिकताओं पर कम खर्च कर पाता है. साल 2021-22 में छत्तीसगढ़ द्वारा प्रतिबद्ध व्यय पर 39,192 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है. यह राज्य की राजस्व प्राप्तियों का 49% है. इसमें 2019-20 की तुलना में 9% की वार्षिक वृद्धि है. इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 33%), पेंशन (8%) और ब्याज भुगतान (8%) पर व्यय शामिल हैं. साल 2020-21 में वेतन भुगतान में 6% की गिरावट और पेंशन भुगतान में 6% की वृद्धि हुई. राज्य ने अपनी लगभग 50% राजस्व प्राप्तियों को प्रतिबद्ध देनदारियों पर खर्च किया.