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छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारियों का प्रदर्शन ? - छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग

बिजली विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों (Contract Employees Working In Electricity Department) ने विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. वहीं ठेका कर्मचारी को लेकर सरकार वादें भूल गई है.

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बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी का प्रदर्शन
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Published : Dec 26, 2021, 11:04 PM IST

रायपुर: बिजली विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों (Contract Employees Working In Electricity Department) ने विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे सैकड़ों आंदोलनरत कर्मचारियों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारी कल्याण संघ (Chhattisgarh Electricity Department Contract Employees Welfare Association) की मांग है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ठेका प्रथा बंद करने की बात कही थी. लेकिन अब तक इसे बंद नहीं किया गया है. इसके साथ ही ठेका कर्मचारियों को सीधे नौकरी में रखने का वादा भी किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है.

ठेका कर्मचारियों का प्रदर्शन

ये भी पढ़ें: गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ के लोग कितने हो रहे मालामाल!

वहीं फेडरेशन के लोगों ने बताया कि प्रदेश में बिजली विभाग का संपूर्ण कार्य ठेका कर्मचारियों के माध्यम से ही किया जा रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के शिकार हो रहे हैं. कार्य के दौरान कई ठेका कर्मचारियों की मौत भी हो गई और कई हादसे का शिकार हो गए. लेकिन फिर भी विभाग नहीं जागा.

उन्हें सिर्फ 7,000 से 8,000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है. शोषण का आलम इस तरह है बिजली विभाग में कार्यरत 80 फीसदी ठेका कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन नहीं मिल रहा. इसके साथ ही 50 फीसदी ठेका कर्मचारियों को इपीएफ, ईएसआई का लाभ नहीं मिल रहा.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • बिजली विभाग में ठेका प्रथा बंद कर ठेका कर्मचारियों को विभाग में समायोजित किया जाए.
  • न्यूनतम 18,000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाए
  • ठेका कार्य को विभाग से अनुबंधित कर कार्य संचालन किया जाए.
  • विभाग से पेमेंट किया जाए.
  • पंजाब, हरियाणा सरकार के ठेका कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन के समान उन्हें वेतन मिले.
  • छत्तीसगढ़ में काम करने वाले कर्मचारियों को पेमेंट दिया जाए.
  • विभागीय भर्ती प्रक्रिया में ठेका कर्मचारियों को अनुभव के आधार पर बोनस अंक दिया जाए
  • बीमा की सुविधा दी जाए

बेमियादी हड़ताल की चेतावनी

फेडरेशन के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि लगातार विदेश विभाग में ठेका कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. आज एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन था. हमारी मांगें पूरी करने के लिए सरकार को 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया जा रहा है. अगर सरकार मांगें पूरी नहीं करेगी तो उग्र आंदोलन के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

प्रदर्शन में पहुंचे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय झा ने कहा कि विद्युत विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों के आंदोलन का मैं समर्थन करता हूं. क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 दिन के अंदर नियमितीकरण कर देंगे. लेकिन सरकार में आए तीन साल पूरे हो चुके हैं. सरकार वादे भूल गई है.

रायपुर: बिजली विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों (Contract Employees Working In Electricity Department) ने विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे सैकड़ों आंदोलनरत कर्मचारियों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारी कल्याण संघ (Chhattisgarh Electricity Department Contract Employees Welfare Association) की मांग है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ठेका प्रथा बंद करने की बात कही थी. लेकिन अब तक इसे बंद नहीं किया गया है. इसके साथ ही ठेका कर्मचारियों को सीधे नौकरी में रखने का वादा भी किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है.

ठेका कर्मचारियों का प्रदर्शन

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वहीं फेडरेशन के लोगों ने बताया कि प्रदेश में बिजली विभाग का संपूर्ण कार्य ठेका कर्मचारियों के माध्यम से ही किया जा रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के शिकार हो रहे हैं. कार्य के दौरान कई ठेका कर्मचारियों की मौत भी हो गई और कई हादसे का शिकार हो गए. लेकिन फिर भी विभाग नहीं जागा.

उन्हें सिर्फ 7,000 से 8,000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है. शोषण का आलम इस तरह है बिजली विभाग में कार्यरत 80 फीसदी ठेका कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन नहीं मिल रहा. इसके साथ ही 50 फीसदी ठेका कर्मचारियों को इपीएफ, ईएसआई का लाभ नहीं मिल रहा.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • बिजली विभाग में ठेका प्रथा बंद कर ठेका कर्मचारियों को विभाग में समायोजित किया जाए.
  • न्यूनतम 18,000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाए
  • ठेका कार्य को विभाग से अनुबंधित कर कार्य संचालन किया जाए.
  • विभाग से पेमेंट किया जाए.
  • पंजाब, हरियाणा सरकार के ठेका कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन के समान उन्हें वेतन मिले.
  • छत्तीसगढ़ में काम करने वाले कर्मचारियों को पेमेंट दिया जाए.
  • विभागीय भर्ती प्रक्रिया में ठेका कर्मचारियों को अनुभव के आधार पर बोनस अंक दिया जाए
  • बीमा की सुविधा दी जाए

बेमियादी हड़ताल की चेतावनी

फेडरेशन के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि लगातार विदेश विभाग में ठेका कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. आज एक दिवसीय सांकेतिक प्रदर्शन था. हमारी मांगें पूरी करने के लिए सरकार को 26 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया जा रहा है. अगर सरकार मांगें पूरी नहीं करेगी तो उग्र आंदोलन के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

प्रदर्शन में पहुंचे तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय झा ने कहा कि विद्युत विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों के आंदोलन का मैं समर्थन करता हूं. क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब विपक्ष में थे. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 दिन के अंदर नियमितीकरण कर देंगे. लेकिन सरकार में आए तीन साल पूरे हो चुके हैं. सरकार वादे भूल गई है.

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