रायपुर : पेयजल की समस्या को लेकर सोमवार भारतीय जनता पार्टी पार्षद दल ने नगर निगम कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और वार्डवासी मौजूद रहे. प्रदर्शनकारियों ने हाथ में खाली गुंडी और बाल्टी लेकर शहर में पेयजल की समस्या दूर करने की मांग की.इस दौरान नगर निगम प्रशासन और महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
महापौर पर गंभीर आरोप : रायपुर नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे कहा" केंद्र सरकार करोड़ों रुपए पानी के लिए देती है. उसके बावजूद भी रायपुर शहर की जनता पीने के पानी के लिए तरस रही है. यह नगर निगम परिषद के लिए शर्म की बात है. मदमस्त महापौर और उनके अधिकारी सभी कुंभकरण की नींद में सोए हुए हैं. इनका वादा रहता है कि शहर को टैंकर मुक्त कर देंगे. लेकिन हवा हवाई में टैंकर मुक्त शहर कभी नहीं हो पाएगा.नगर निगम ने क्या प्रयास किया है. यह हम सभी जानना चाहते हैं. पानी के लिए नगर निगम के पास करोड़ों रुपए हैं. इसके बाद भी शहर की जनता पेयजल के लिए तरस रही है. शहर में 14 पानी टंकियों का निर्माण अभी हुआ है.17 पानी टंकियों का निर्माण पूर्व में हो चुका है, कुल 43 पानी की टंकी शहर में है.उसके बावजूद भी शहर की जनता को नगर निगम पानी नहीं दे पा रहा है."
निगम सरकार पर बीजेपी के आरोप : आपको बता दें कि अमृत मिशन योजना के तहत लगभग 500 करोड़ रुपए का भुगतान रायपुर नगर निगम को हो चुका है. रायपुर नगर निगम पर आरोप हैं कि ये काम अनुभवहीन लोगों से करवाया जा रहा है. जिसके कारण शहरवासी आज भी प्यासे हैं. बीजेपी ने पानी की मांग को लेकर नगर निगम को सोई हुई सरकार को जगाने की कोशिश की है. बीजेपी ने स्पष्ट और साफ शब्दों में जवाब मांगा है कि अधिकारी शहर की जनता के लिए पेय जल की क्या व्यवस्था कर रहे हैं.इसके लिए एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया गया है.पानी की समस्या खत्म नहीं होने पर महापौर का घेराव करने की बात बीजेपी ने की है.