रायपुर :छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि "कंट्रोल रूम में पुलिस अधिकारियों से बातचीत होने पर उन्हें प्रदर्शन करने के लिए नवा रायपुर स्थित तूता धरना स्थल में धरना प्रदर्शन की अनुमति मिली है. धरना प्रदर्शन के बाद सहायक शिक्षक रैली निकालकर राजधानी में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे. लेकिन सरकार ने एकतरफा निर्देश जारी किया गया है, जिसमें फरसगांव में बस्तर वासियों को आने से रोका जा रहा है. जगह-जगह बैरिकेट्स लगाकर के कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार को निर्देश जारी किया गया है. यह बोला जा रहा है कि रायपुर जाने की अनुमति नहीं है.''
सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप :फेडरेशन के मुताबिक '' इस तरह से सरकार दोहरी नीति अपनाकर सहायक शिक्षकों के इस प्रदर्शन को कुचलने का प्रयास कर रही है. छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक संघ का कहना है कि पिछले 4 सालों से अपनी मांग को लेकर सहायक शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं. बावजूद इसके सरकार ने अब तक इनकी मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं की है, और अब शासन प्रशासन के द्वारा प्रदर्शन में शामिल होने वाले सहायक शिक्षकों को रायपुर आने से रोका जा रहा है."
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शिक्षकों से फेडरेशन ने की अपील : सरकर इस तरह से वादाखिलाफी करके अपने वादे से मुकर रही है. प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने कहा कि "समस्त शिक्षकों से अपील की हमारी मांगों को जल्द निराकरण के लिए समस्त शिक्षक 11 फरवरी 2023 को अधिक से अधिक संख्या में अपनी व्यवस्था अनुसार रायपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम को सफल बनाये यह अंतिम लड़ाई अंतिम बजट का अभी नहीं लड़ेंगे तो कब लड़ेंगे. समस्त साथियों को रायपुर आना होगा और अपनी 1 सूत्रीय मांग वेतन विसंगति दूर कराने के लिए मजबूती से अपनी मांगों को रखना होगा. सरगुजा से लेकर कोंडागांव तक बस को भी रोककर शिक्षकों की पहचान कर उन्हें बस से नीचे उतारा जा रहा है."