रायपुर: छत्तीसगढ़ में व्यापम के माध्यम से 14,580 रिक्त पदों में भर्ती की प्रक्रिया में भारी घोटाले की बात सामने आ रही है. छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने गड़बड़ियां नहीं रोके जाने की स्थिति में सड़क से कोर्ट तक की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है. समिति के अध्यक्ष शुभम साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बेरोजगारों के हितों से खिलवाड़ कर रही है. ऐसे कदमों से प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया दलालों के हाथों में चली जायेगी. इस पूरे प्रकरण में दस्तावेज सत्यापन के लिए दोबारा बुलाया जाना गलत है.
आरोप है कि नई सूची में पूर्व में सत्यापन प्रक्रिया से गुजर चुके अनेक अभ्यर्थियों का नाम छोड़ दिया गया है. इसके अलावा व्यायाम शिक्षकों के लिए एससी कोटा के पदों की संख्या में भी कमी कर दी गई है. लिस्ट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही इसे समस्त अधिकृत साइट्स से हटा दिया गया है. दस्तावेज सत्यापन के लिए सबको व्यक्तिगत रूप से पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं. इस लिस्ट में एक ही अभ्यर्थी को अनेक पदों की सूची के लिए सत्यापन करने बुलाया जा रहा है. इससे शेष पात्र अभ्यर्थी सत्यापन प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं.
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अभ्यर्थियों की मांग
छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति ने मांग की है कि इन सारी अनियमितताओं को रोके या तो पुरानी सूची बहाल की जाए या फिर नई सूची निर्मित कर इसे सभी अधिकृत साइट्स में डाला जाये, ताकि सूची की पारदर्शिता बनी रहे. कोई भी अभ्यर्थी एक ही पद का दावेदार रहेगा. यदि वह किसी पद का सत्यापन कराता है तो उसे उसी पद को ज्वॉइन करना होगा, बाकी पद से उनका नाम हटाया जाये. प्रत्येक पद के लिए या तो अधिक अभ्यर्थियों को सत्यापन के लिए बुलाया जाये. अभ्यर्थियों ने इन मांगों के पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
क्या है पूरा मामला
शिक्षा विभाग के 14,580 रिक्त पदों पर व्यापम के माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कर सीधी भर्ती का ऐलान किया गया था. इन पदों पर दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी. इसके बाद भी चयन सूची जारी नहीं की गई. लंबे समय से चयन सूची जारी नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने एक बड़ा आंदोलन किया. इस आंदोलन के पश्चात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया पूरी कर तत्काल भर्ती के आदेश दिए थे. लेकिन शिक्षा विभाग ने पात्र उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करने के बजाए फिर से दस्तावेजों के सत्यापन का फरमान जारी कर दिया है.