रायपुर : नया प्रयोग करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra in chhattisgarh ) कटहल और कुट्टू से उत्पाद तैयार कर रहा है. जिसका फायदा स्व सहायता समूह की महिलाओं को मिल रहा है. स्व सहायता समूह की महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है. जिसके बाद समूह की महिलाओं ने इस तरह के उत्पाद बनाकर इसे बाजार में लाया (Unique experiment of Krishi Vigyan Kendra ) है.
कटहल और कुट्टू से बन रहे उत्पाद कुट्टू और कटहल से नया प्रयोग : गौरतलब है कि पूरे प्रदेश में मैनपाट क्षेत्र में कुट्टू का पौधा सर्वाधिक मात्रा में होता है. पूरे छत्तीसगढ़ में जशपुर जिला में कटहल का उत्पादन अधिक होता है. कुट्टू का आटा आमतौर पर व्रत में फलाहार के रूप में उपयोग में आता है और कटहल सब्जी या अचार के रूप में काम में आती है. लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर दूसरे उत्पाद तैयार करके बाजार में बेचा जा रहा है.
मैनपाट कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक सूर्य प्रकाश गुप्ता ने बताया कि "पूरे छत्तीसगढ़ में मैनपाट एक ऐसा क्षेत्र है, जहां पर कुट्टू का पौधा सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है. कुट्टू के पौधे का पाउडर तैयार होने के बाद लोग व्रत के दौरान फलाहार के रूप में कुट्टू के आटे का रोटी या फिर हलवा बनाकर खाते हैं. लेकिन इसको प्रोसेसिंग करने के बाद कुट्टू के आटे से सेव और कुकीज़ तैयार किया गया है. जो खाने में लजीज और स्वादिष्ट है. कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देने के बाद महिलाओं के द्वारा तैयार किया गया सेव में कुट्टू के आटा नमक जीरा और मिर्ची पाउडर मिलाकर बनाया गया है, इसके साथ ही कुकीज में कुट्टू का पाउडर और मैदा मिक्स करके इसके कुकीज को तैयार किया (products made from jackfruit and buckwheat ) गया."
लोगों का मिल रहा अच्छा रिस्पॉंस: जशपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक प्रदीप कुजुर ने बताया कि "पूरे छत्तीसगढ़ में कटहल का झाड़ सर्वाधिक मात्रा में है. आमतौर पर इसका उपयोग लोग सब्जी बनाकर या फिर अचार बनाने में करते हैं. लेकिन पहली बार कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा कटहल से चिप्स और कुकीज तैयार किया गया है, जिसकी बिक्री भी अच्छी हो रही है. लोग कटहल से बने इन उत्पादों को खरीद रहे है."