रायपुर: शहर में कई ऐसे वार्ड हैं जहां शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता है. शहर के कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट की समस्या लगातार बनी हुई है. ऐसे में शाम होते ही स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. तत्कालीन भाजपा की सरकार के दौरान प्रदेशभर के नगरीय निकाय में स्ट्रीट लाइट लगाने और उसे मेंटेन करने के लिए 7 साल का ठेका ईएसएल कंपनी को दिया गया था, लेकिन कंपनी फ्यूज पड़ी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत नहीं कर रही है न ही इसमें किसी तरह का सुधार किया जा रहा है.
ETV भारत ने इस समस्या को लेकर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर से बातचीत की. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेशभर के नगरीय निकायों में ईएसएल कंपनी को ठेका दिया गया था. यह ठेका 7 साल का था. 7 साल के ठेके में कंपनी को पूरा मेंटेनेंस का काम करना था, लेकिन कंपनी न ही कोई लाइट बदल रही है. न उसके पास कोई सामग्री है. इसके अलावा कंपनी के पास कर्मचारियों की भी कमी है.
बंद पड़ी है 28 हजार स्ट्रीट लाइट्स
राजधानी में करीब 65 हजार स्ट्रीट लाइट्स लगी हुई है. जिनमें करीब 28 हजार स्ट्रीट लाइट खराब हो गई है. नतीजन रायपुर नगर निगम के ज्यादातर वार्डों में स्ट्रीट लाइट नहीं जलने की समस्या है. शहर के कई इलाके जिनमें डगनिया, खोखोपारा, पुरानी बस्ती, कबीर नगर, समता कॉलोनी, भाठागांव अवंती बाई चौक समेत कई जगहों और कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइट खराब है.
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कंपनी को टर्मिनेट करने की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्ट्रीट लाइट खराब होने के चलते रास्ते पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. रहवासी भी इससे परेशान रहते हैं. महापौर ने बताया कि इस संबंध में नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया से बातचीत की गई है. साथ ही कंपनी को टर्मिनेट करने की मांग भी की गई है. मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही कंपनी को सस्पेंड किया जाएगा.
नई लाइट खरीदेगा नगर निगम
महापौर ने बताया कि नगर निगम ढाई से 3 करोड़ रुपये की लाइट खरीद रहा है. हाल ही में महापौर निधि से 25 लाख रुपए की स्ट्रीट लाइट खरीदी गई है. आने वाले 1 हफ्ते में स्ट्रीट लाइट की समस्या हल कर ली जाएगी.