रायपुर: छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की 2 सीटों पर सांसदों का कार्यकाल अप्रैल 2020 में पूरा हो जाएगा. अब इन दो सीटों में से एक सीट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की दावेदारी तय मानी जा रही है. इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हाईकमान की तरफ से जिसे आदेश दिया जाएगा, उसे केवल फॉर्म भरना है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस बार कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला है. कांग्रेस का प्रदेश की 90 विधान सभा सीटों में से 69 सीटों पर कब्जा है. विधायकों की अच्छी खासी संख्या के आधार पर कांग्रेस इन दोनों राज्यसभा की सीटों पर आसानी से कब्जा कर लेगी. सूत्रों की मानें तो पार्टी प्रियंका के लिए सुरक्षित सीट खोज रही है, जो कि छत्तीसगढ़ से मानी जा रही है. अब यहां से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की राज्यसभा में प्रवेश दिया जा सकता है.
'हाईकमान करेगा फैसला'
हालांकि इस विषय पर जब वन मंत्री मोहम्मद अकबर से बात की गई, तो उन्होंने कहा 'पार्टी को एक्सरसाइज करने की आवश्यकता नहीं है. यहां स्पष्ट बहुमत है. पार्टी हाईकमान की तरफ से जिसे आदेश दिया जाएगा. उसे केवल फॉर्म भरना है और किसे यहां से राज्यसभा भेजा जाना है. इसका निर्णय हाईकमान करेगी'.
अप्रैल में 2 सीटें होंगी खाली
बता दें कि छत्तीसगढ़ में राज्य सभा की 5 सीटें हैं. वर्तमान में 3 सीटों पर बीजेपी और 2 सीटों पर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों का कब्जा है. अप्रैल 2020 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और बीजेपी के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. इसके बाद जून 2022 में कांग्रेस की छाया वर्मा और बीजेपी के रामविचार नेताम की जगह भी खाली हो जाएगी. इसमें भी कांग्रेस के लिए रास्ता साफ है.
बता दें कि एक राज्यसभा सदस्य के लिए 34 विधायकों का समर्थन होना चाहिए. कांग्रेस के पास 69 विधायक हैं. यानी दोनों सीटें कांग्रेस के खाते में जाने वाली हैं क्योंकि बीजेपी के 14, जोगी कांग्रेस के 5 और बसपा के 2 विधायक मिलाकर भी 34 की संख्या तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद के लिए प्रियंका गांधी के नाम को लेकर चर्चा जोरों पर है. हालांकि पीसीसी की ओर से अब तक इस बारे में कोई भी स्पष्ट संकेत नहीं दिए गए हैं.
ये हैं राज्यसभा सांसद
- मोतीलाल वोरा (कांग्रेस)
- रणविजय सिंह जूदेव (भाजपा)
- छाया वर्मा (कांग्रेस)
- रामविचार नेताम (भाजपा)
- सरोज पांडेय (भाजपा)