रायपुर : स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को किताबें वितरित किए जाने का आदेश जारी कर दिया है. इस साल, हर साल की तरह किताबें नहीं बांटी जायेंगी. किताबों के वितरण के लिए अलग से दिशा-निर्देश तय किए गए हैं. हर साल शासकीय स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूल में भी पहली से दसवीं तक के छात्रों को भी शासन की तरफ से नि:शुल्क किताबें दी जाती थीं. इस साल आदेश के अभाव में अब तक निजी स्कूलों को किताबों का वितरण नहीं हो सका. इस कारण छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने के बाद भी छात्र किताब के इंतजार में अध्ययन नहीं कर पा रहे हैं.
निजी स्कूल किताबों के लिए 30 सितंबर तक अपना मांगपत्र दे सकेंगे. इसके बाद नि:शुल्क पुस्तकों का वितरण होगा. किताब लेने के साथ ही निजी स्कूलों को इस बात का आश्वासन देना होगा कि उनके द्वारा निजी प्रकाशकों की किताबों से पढ़ाई नहीं कराई जाएगी. पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों से ही पढ़ाई कराई जाएगी. इसके आलावा निजी स्कूलों को किताबें छात्रों के घर पर पहुंचाना होगा. पाठ्य पुस्तक निगम के डिपो से निजी स्कूल ये किताबें ले सकेंगे. संबंधित विद्यालयों से पाठ्य पुस्तक निगम पावती लेगा, जिसके आधार पर डीपीआई की तरफ से भुगतान किया जाएगा. वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आदेश के लिए शासन को धन्यवाद दिया है.
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धूल और बारिश झेल रही किताबें
निगम की ओर से किताबें डिपो में भेज दी गई हैं, लेकिन अबतक निजी स्कूलों को पुस्तकें प्रदान नहीं की जा सकी है. धूल और बारिश के बीच सीलन खाते हुए ये किताबें पड़ी हुई हैं. वितरण में हो रही देर के बाद निजी स्कूलों द्वारा विरोध जताते हुए कहा गया कि यदि शासन उन्हें किताबें वितरित नहीं करना चाहती है, तो उन्हें निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ाने की अनुमति दी जाए.