रायपुर: कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण आज हर वर्ग परेशान है. इसका सबसे ज्यादा असर शिक्षा के क्षेत्र में हुआ है. नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए 2 महीने से ज्यादा का समय निकल चुका है, लेकिन अबतक स्कूल-कॉलेजों को नहीं खोले गए हैं. इसका सीधा असर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर पड़ रहा है. हालांकि स्टूडेट्स की पढ़ाई के लिए स्कूल प्रबंधन ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू की हैं, लेकिन ये क्लासेस भी अब परिजनों के लिए परेशानी बन गईं हैं.
राज्य सरकार ने पत्र जारी कर कोरोना काल में किसी भी स्कूल को फीस नहीं लेने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में स्कूल प्रबंधन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी. कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ स्कूल फीस वसूलने में लगे हुए हैं. फीस नहीं देने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस में शामिल नहीं किया जा रहा है.
अभिभावकों पर दबाव बना रहा स्कूल
अभिभावकों का कहना है कि प्राइवेट स्कूल लगातार फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. ऑनलाइन क्लासेस वाले ग्रुप से भी फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को निकाल दिया गया है.
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शिक्षा विभाग नहीं दे रहा ध्यान
पालक संघ के सदस्य राजकुमार राठी ने बताया कि ये समस्या अब आम हो गई है. लगातार शिकायत के बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. ये कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि यह लंबे समय से चली आ रही है.
शिकायत पर होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर ने कहा कि हमने यह पहले ही कहा है कि प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस नहीं वसूल नहीं सकते, फिर भी कोई स्कूल ऐसा कर रहा है, तो परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई जरूर की जाएगी.