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LOCK DOWN: बेजुबानों का सहारा 'वाटिका एनिमल सेंचुरी', कर रहे चारे-पानी का इंतजाम

लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर घूम रहे बेजुबानों को चारा-पानी की बड़ी समस्या हो गई है. असहाय जनवरों की परेशानी को देखते हुए कुछ संगठन आगे आए हैं और मवेशियों को चारा-पानी खिला रहे हैं, जिससे वे भूखे न मरें.

असहाय जानवरों को खिला रही खाना
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Published : Apr 13, 2020, 4:14 PM IST

Updated : Apr 13, 2020, 7:40 PM IST

रायपुर: कोविड 19 महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है. पूरे देश में लॉक डाउन है. लोगों को बेवजह सड़क पर निकलने की इजाजत नहीं है. ये पाबंदी इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए लगाई गई है, लेकिन जानवरों की जान पर बन आई है. बेजुबानों को इस वक्त कहीं खाना नहीं मिल रहा. ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिल रही हैं , जब जानवर भूख की वजह से घरों में घुस रहे हैं.

असहाय जानवरों को खिला रही खाना

राजधानी में नेक दिलों का एक संगठन ऐसे ही बेजुबानों के लिए खाने-पानी का इंतजाम कर रहा है. 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' नाम का ये संगठन मवेशियों के चारे-पानी का इंतजाम कर रहा है, जिससे वे भूखे न रहें. संस्था में काम कर रहे सदस्यों का कहना है कि पहले सड़कों पर घूमने वाले गाय और कुत्तों को लोगों से खाना मिल जाता था, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से इन बेजुबानों को पानी तक मुनासिब नहीं होता है, जिसे देखते हुए वे उन्हें खाना खिला रही हैं.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
बेजुबानों का बन पहे सहारा

भूखे-प्यासे जानवरों का बन रहे सहारा

वाटिका एनिमल सेंचुरी की संचालक कस्तूरी बलाल ने बताया कि 'वह पिछले कई वर्षों से सड़क के किनारे घूमते जानवरों को बचा रही हैं. साथ ही लॉकडाउन की वजह से जिन जानवरों को खाना नसीब नहीं होता, उन्हें 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' के लोग खाना खिला रहे हैं. वो बताती हैं दिन में 450 से 500 जानवरों को खाना खिलाती हैं, जिससे भूखे-प्यासे जानवरों का पेट भर सके'.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
असहाय जानवरों को खाना

असहाय जानवरों को खिलाते हैं चारा

वहीं संस्था में काम कर रहे मेंबर्स ने बताया कि वे पिछले 3 साल से संस्था से जुड़े हुए हैं. सड़कों पर घूम रहे स्ट्रीट एनिमल्स को डेली खाना खिलाते हैं. उन्होंने कहा कि जानवरों के पास इंसानों की तरह क्षमता नहीं होता, जिसकी वजह से वह खाना स्टॉक नहीं कर सकते. वहीं वंचना लाबान बताती हैं कि रायपुर 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' संस्था में 40 से ज्यादा मेंबर्स काम करते हैं, जो सड़कों पर घूम रहे असहाय जानवरों को चारा और खाना खिलाते हैं.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
कुत्तों को खिला रही खाना

बेजुबानों की लाचारगी पर रहम

बहरहाल, मनुष्य के अंदर जानवरों के प्रति सहजता और कोमलता का भाव ही सेवा करने का मौका देता है, जो राह चलते लोगों की दुत्कार और मार खाने वाले जानवरों के लिए भगवान बनता है. ऐसे में इन जानवरों की लाचारगी को देखते हुए 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' ने जो जिम्मा उठाया है वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है.

रायपुर: कोविड 19 महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है. पूरे देश में लॉक डाउन है. लोगों को बेवजह सड़क पर निकलने की इजाजत नहीं है. ये पाबंदी इंसानों की जिंदगी बचाने के लिए लगाई गई है, लेकिन जानवरों की जान पर बन आई है. बेजुबानों को इस वक्त कहीं खाना नहीं मिल रहा. ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिल रही हैं , जब जानवर भूख की वजह से घरों में घुस रहे हैं.

असहाय जानवरों को खिला रही खाना

राजधानी में नेक दिलों का एक संगठन ऐसे ही बेजुबानों के लिए खाने-पानी का इंतजाम कर रहा है. 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' नाम का ये संगठन मवेशियों के चारे-पानी का इंतजाम कर रहा है, जिससे वे भूखे न रहें. संस्था में काम कर रहे सदस्यों का कहना है कि पहले सड़कों पर घूमने वाले गाय और कुत्तों को लोगों से खाना मिल जाता था, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से इन बेजुबानों को पानी तक मुनासिब नहीं होता है, जिसे देखते हुए वे उन्हें खाना खिला रही हैं.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
बेजुबानों का बन पहे सहारा

भूखे-प्यासे जानवरों का बन रहे सहारा

वाटिका एनिमल सेंचुरी की संचालक कस्तूरी बलाल ने बताया कि 'वह पिछले कई वर्षों से सड़क के किनारे घूमते जानवरों को बचा रही हैं. साथ ही लॉकडाउन की वजह से जिन जानवरों को खाना नसीब नहीं होता, उन्हें 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' के लोग खाना खिला रहे हैं. वो बताती हैं दिन में 450 से 500 जानवरों को खाना खिलाती हैं, जिससे भूखे-प्यासे जानवरों का पेट भर सके'.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
असहाय जानवरों को खाना

असहाय जानवरों को खिलाते हैं चारा

वहीं संस्था में काम कर रहे मेंबर्स ने बताया कि वे पिछले 3 साल से संस्था से जुड़े हुए हैं. सड़कों पर घूम रहे स्ट्रीट एनिमल्स को डेली खाना खिलाते हैं. उन्होंने कहा कि जानवरों के पास इंसानों की तरह क्षमता नहीं होता, जिसकी वजह से वह खाना स्टॉक नहीं कर सकते. वहीं वंचना लाबान बताती हैं कि रायपुर 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' संस्था में 40 से ज्यादा मेंबर्स काम करते हैं, जो सड़कों पर घूम रहे असहाय जानवरों को चारा और खाना खिलाते हैं.

Private organization feeding food to street animals during lock down in raipur
कुत्तों को खिला रही खाना

बेजुबानों की लाचारगी पर रहम

बहरहाल, मनुष्य के अंदर जानवरों के प्रति सहजता और कोमलता का भाव ही सेवा करने का मौका देता है, जो राह चलते लोगों की दुत्कार और मार खाने वाले जानवरों के लिए भगवान बनता है. ऐसे में इन जानवरों की लाचारगी को देखते हुए 'वाटिका एनिमल सेंचुरी' ने जो जिम्मा उठाया है वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है.

Last Updated : Apr 13, 2020, 7:40 PM IST
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