रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने डॉक्टर खूबचंद स्वास्थ्य सहायता योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना में बड़ा बदलाव किया है. अब इस योजना के तहत इलाज में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जाएगी.
शासन ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए साफ कर दिया है कि जिन बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है, उनका इलाज निजी अस्पतालों में नहीं कराया जाएगा. लेकिन इमरजेंसी में इसमें छूट दी जाएगी.
निजी अस्पतालों की हुई थी चांदी
पिछली सरकार में चलने वाली मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, संजीवनी सहायता कोष, मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा जैसी योजनाओं में 180 वो बीमारियां थी, जिनका इलाज सरकारी अस्पताल में मौजूद होने के बाद भी निजी अस्पतालों में कराया गया थे. इस तरह इलाज के बदले करोड़ों रुपये की राशि निजी अस्पतालों को भुगतान करनी पड़ी थी.
निजी अस्पतालों को मिली राशि
पूर्व में मलेरिया, डायरिया, टायफाइड जैसी बहुत सी बीमारियों जिनका उपचार आसानी से सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होता है, उनका भी निजी अस्पतालों में इलाज करवा कर भारी भरकम रकम जमा कराई गई.
अब नए नियम लागू होने से इन उपचारों से मिलने वाली राशि सरकारी अस्पतालों में जमा होगी. इससे उन्हें एक बड़ा बजट भी मिल सकेगा. इसके अलावा सरकार जल्द ही मेकाहारा के अलावा राज्य के अन्य 6 शासकीय चिकित्सा शालाओं में एएसडी और बीएसडी के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने वाली है.