केन्द्रीय जेल रायपुर में वर्ष 2010 से प्रदेश की जेलों की इकलौती संस्कृत पाठशाला संचालित है, जिसमें बंदियों को व्यवसायिक संस्कृत से लेकर ज्योतिष, योगा और आयुर्वेद तक की शिक्षा दी जा रही है. जिसकी प्रशंसा राष्ट्रीय स्तर पर भी हो चुकी है. डॉ. प्रेमसाय सिंह ने निरीक्षण के बाद खुशी जताते हुए कहा कि, 'संस्कृत शिक्षा के संवर्धन के लिए हर संभव मदद दी जाएगी'.
छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् की मुख्य परीक्षा एक मार्च से शुरू हो चुकी है, जो 19 मार्च तक चलेगी. परीक्षा में प्रदेशभर में 30 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें तीन हजार 233 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.
निरीक्षण के दौरान डी.आई.जी. डॉ. के.के. गुप्ता ने जेल में संस्कृत पाठशाला की शैक्षणिक गतिविधियों और पाठ्क्रमों से अवगत कराया. उन्होंने जेल के ग्रंथालय उपलब्ध पुस्तकों के संबंध में भी संक्षिप्त जानकारी दी.