एमसीबी: एमसीबी जिले के चिरमिरी के नगर निगम में एक वार्ड ऐसा है. जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं. सड़क बिजली और पानी जरूरतों के लिए लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. हालिया मामले में लामीगोंडा की एक गर्भवती महिला को दूसरी महिलाओं के सहारे लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक आना पड़ा.
सड़क बना दो सरकार: लामीगोंडा के ग्रामीणों का कहना है कि ये कोई नई बात नहीं है. जब भी कोई बीमार होता है, किसी गर्भवती महिला का डिलीवरी का समय आता है तो यहीं स्थिति रहती है. गांव में अब तक सड़क नहीं बनी है जिससे दर्द झेल रही गर्भवती महिलाओं को पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचना पड़ता है. बीमार बुजुर्गों को भी ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ती है. कुछ को खाट में बिठाकर ले जाया जाता है. काफी उबड़ खाबड़ रास्ता है, इसे पक्का नहीं बनाया जा रहा है. जिस वजह से गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाते हैं. जिससे महिलाओं और बुजुर्गों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
एक बार फिर अधिकारी का आश्वासन: मीडिया के जरिए जब गर्भवती के पैदल चलकर एंबुलेंस तक जाने की बात एमसीबी कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने पहले तो फॉरेस्ट एरिया होने का हवाला दिया. बाद में निगम कमिश्नर को सीसी रोड बनाने के लिए निर्देश देने का दावा किया.
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