रायपुर: 8 नवंबर को साल 2022 का आखिरी खग्रास चंद्रग्रहण होगा जो छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश में दृश्यमान रहेगा. इस चंद्रग्रहण के दौरान लोगों को क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए. किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए. खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के दौरान क्या और किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे पर विपरीत प्रभाव ना पड़े. इस बारे में ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा से जानते हैं. Khagras Lunar Eclipse 2022
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धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिंदू दिव्य पर्वों में ग्रहण का भी विशेष स्थान है. नियम और संयम के साथ स्नान जप तप और हवन यज्ञ द्वारा बाधाओं की निवृत्ति और सुखों की प्राप्ति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए.
ग्रहण काल में ध्यान रखने योग्य बातें...
- मन और बुद्धि पर पड़े प्रभाव से लाभ उठाने के लिए जप ध्यान आदि का विधान है.
- ग्रहण के समय किए गए जप, यज्ञ और दान आदि का सामान्य की अपेक्षा बहुत अधिक महत्व का वर्णन है.
- ग्रहण के समय स्त्री प्रसंग से नर नारी दोनों की नेत्र ज्योति क्षीण हो जाती है.
- ग्रहण काल में मनमाने आचरण से अव्यवस्था और बुद्धि विकार तो होता ही है, साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य की भी बड़ी हानि होती है.
- ग्रहण आरंभ के 9 घंटे पहले से ग्रहण का सूतक प्रभावी हो जाता है.
- ग्रहण के दौरान घड़े में भरा जल या भोजन रखा हो वह भी उपयोग करने योग्य नहीं होता है.
- ग्रहण के समय भोजन आदि करने से अनेक रोग होते हैं, इसलिए आहार आदि अनेक कार्य वर्जित हैं.
- ग्रहण के दौरान पूजा पाठ नहीं करना चाहिए.
- मंदिर या फिर घर में बने मंदिर के पट भी इस दौरान बंद होने चाहिए.
- सूतक काल के दौरान कुछ भी नहीं खाना पीना चाहिए.
- पके हुए भोजन दूध दही आदि में तुलसी के पत्ते डाल दें, ताकि चंद्रग्रहण का नकारात्मक असर भोजन पर ना पड़े.
- चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान दान जरूर करना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए.
गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ध्यान: ग्रहण के दौरान खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का असर केवल गर्भवती महिला पर ही नहीं बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है. इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों से दूर रहना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान अपनी नाभि के पास हल्का गेहरु अवश्य लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. इसके साथ ही कोशिश करें कि पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते जरूर डालने चाहिए. इससे खाना दूषित नहीं होता.