रायपुर : नगरीय निकाय चुनाव में अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दल इसके विरोध में है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसके विरोध में राज्यपाल को भी ज्ञापन सौंपा है. इस पर रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि लोकतंत्र में हर आदमी को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है. विधायक मुख्यमंत्री को चुनते हैं, सांसद प्रधानमंत्री को चुनते हैं, तो वहीं पार्षद अब महापौर का चुनाव करेंगे.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी यह व्यवस्था थी, जो लोग हाय तौबा मचा रहे हैं, उनको चुनाव लड़ने से नहीं मुद्दे ढूंडने से सरोकार रहता है. आखिर पार्षद का चुनाव भी तो जनता ही करेगी. जनता द्वारा बनाए गए प्रतिनिधि हैं, उन्हीं के ऊपर भाजपा को पूर्ण विश्वास नहीं है, तो जनन तंत्र में कौन सी पद्धति अपनाई जाए.
'अमित शाह जहां जाते 10 -12 लोग पलट जाते'
पार्षद खरीद-फरोख्त जैसे सवाल पर महापौर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को ही खरीद-फरोख्त की आदत पड़ गई है क्योंकि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आए दिन जिस प्रदेश में जाते है, 10 -12 लोग पलट जाते हैं. इसके क्या कारण है? भारतीय जनता पार्टी को ज्यादा आइडिया है, इसलिये वह इस पर ज्यादा बात करते हैं.
'नगर निगम बेहतर काम कर रहे'
दुबे ने कहा कि उनको भय सता रहा है. इस पद्धति से चुनाव होने पर उनके प्रतिनिधि चुनकर आ पाएंगे या नहीं. क्योंकि उन्होंने काम कुछ किया ही नहीं है. केवल आरोप-प्रत्यारोप में अपना समय व्यतीत किया है. कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा कि, हमने क्षेत्र में बेहतर काम किया है और आज देश में राष्ट्रपति की ओर से रायपुर शहर सम्मानित हो चुका है और कई नगर निगम बेहतर काम कर रहे हैं.
'भाजपा चुनाव लड़ने में दिमाग लगाए'
उन्होंने कहा कि तत्कालीन रमन सरकार ने जिस पद्धति से चुनाव कराया हमने निर्भीकता से चुनाव लड़ा. प्रजातंत्र में हार-जीत अपनी जगह है, लेकिन टीका टिप्पणी करना कि ये गलत है ये सही है ? अब भारतीय जनता पार्टी के नेता जज की भूमिका में आ चुके हैं. भाजपा चुनाव लड़ने में दिमाग लगाए न कि पद्धति की आलोचना करने में.