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रायपुर में विद्युत संविदाकर्मियों का आंदोलन : भीख मांगते नजर आए संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य - Chhattisgarh State Power Company

छत्तीसगढ़ राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना स्थल पर विद्युत संविदाकर्मियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा. धरना स्थल पर एक जुट होकर पावर कंपनी और सरकार के खिलाफ संविदा कर्मचारियों ने अपनी एकता का प्रदर्शन कर शोषण एवं अत्याचार से मुक्ति की मांग कर रहे हैं.

power contract workers protest
भीख मांगते संविदा कर्मचारी संघ के सदस्य
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Published : Mar 13, 2022, 8:35 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा. धरना स्थल पर एक जुट होकर पावर कंपनी और सरकार के खिलाफ संविदा कर्मचारियों ने अपनी एकता का प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने शोषण एवं अत्याचार से मुक्ति की मांग की है. आंदोलन के चौथे दिन रविवार को "आधी रोटी आधा पेट, विद्युत संविदा कर्मचारी का जीवन चढ़ गया भेंट" नाट्य के माध्यम से विद्युत कम्पनी में कार्यरत संविदा कर्मियों के जीवन की दुर्दशा का मंचन किया गया.

यह भी पढ़ें: पंजाब जीत के बाद तेवर में "आप" : 2023 में क्षेत्रीय दल चुनाव में कितने रहेंगे असरदार, जानिए तीसरे मोर्चे का पूरा गणित

14 मार्च को करेंगे विधानसभा घेराव, विशाल रैली की है तैयारी...
पॉवर कम्पनी प्रबंधन की वादाखिलाफी और शासन के उदासीन रवैये से आहत विद्युत संविदा कर्मचारी 14 मार्च 2022 को विशाल रैली निकालेंगे. विधानसभा का घेराव भी करेंगे. विद्युत संविदा कर्मचारी मांगों को लेकर 10 मार्च से अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं.

जनता के बीच भीख मांगने निकले संविदा विद्युत कर्मचारी
संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं सदस्य जनता के बीच पहुंच कर भीख मांगते नजर आए. संविदाकर्मियों ने अपना दुःख दर्द जनता तक पहुंचाने की कोशिश की. जनता ने भी संविदाकर्मियों के वेदनाओं को समझकर उनका सहयोग दिल खोलकर किया.

संविदा विद्युत कर्मचारी संघ की 2 सूत्री मांग

  • रिक्त पदों पर कम्पनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति दी जाए.
  • विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदाकर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए.

    लाइन परिचारक संविदाकर्मियों को 2 साल में नियमित करने का नियम
    छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदाकर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने का नियम रहा है. लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस पर रोक लग गई है. संविदा कर्मी 2 साल में नियमित हो जाने के उम्मीद से काम करने के लिए इस विभाग में आ जाते हैं. लेकिन आएदिन उनके साथ दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. इसमें कई के अंग खराब हो जाते हैं. 25 से अधिक संविदाकर्मियों का निधन हो गया है. इसलिए विद्युत संविदाकर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं. संविदाकर्मी शासन तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा. धरना स्थल पर एक जुट होकर पावर कंपनी और सरकार के खिलाफ संविदा कर्मचारियों ने अपनी एकता का प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने शोषण एवं अत्याचार से मुक्ति की मांग की है. आंदोलन के चौथे दिन रविवार को "आधी रोटी आधा पेट, विद्युत संविदा कर्मचारी का जीवन चढ़ गया भेंट" नाट्य के माध्यम से विद्युत कम्पनी में कार्यरत संविदा कर्मियों के जीवन की दुर्दशा का मंचन किया गया.

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14 मार्च को करेंगे विधानसभा घेराव, विशाल रैली की है तैयारी...
पॉवर कम्पनी प्रबंधन की वादाखिलाफी और शासन के उदासीन रवैये से आहत विद्युत संविदा कर्मचारी 14 मार्च 2022 को विशाल रैली निकालेंगे. विधानसभा का घेराव भी करेंगे. विद्युत संविदा कर्मचारी मांगों को लेकर 10 मार्च से अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं.

जनता के बीच भीख मांगने निकले संविदा विद्युत कर्मचारी
संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं सदस्य जनता के बीच पहुंच कर भीख मांगते नजर आए. संविदाकर्मियों ने अपना दुःख दर्द जनता तक पहुंचाने की कोशिश की. जनता ने भी संविदाकर्मियों के वेदनाओं को समझकर उनका सहयोग दिल खोलकर किया.

संविदा विद्युत कर्मचारी संघ की 2 सूत्री मांग

  • रिक्त पदों पर कम्पनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति दी जाए.
  • विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदाकर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए.

    लाइन परिचारक संविदाकर्मियों को 2 साल में नियमित करने का नियम
    छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदाकर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने का नियम रहा है. लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस पर रोक लग गई है. संविदा कर्मी 2 साल में नियमित हो जाने के उम्मीद से काम करने के लिए इस विभाग में आ जाते हैं. लेकिन आएदिन उनके साथ दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं. इसमें कई के अंग खराब हो जाते हैं. 25 से अधिक संविदाकर्मियों का निधन हो गया है. इसलिए विद्युत संविदाकर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं. संविदाकर्मी शासन तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
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