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आलू प्याज और लहसुन की खेती का सही तरीका,बन जाएंगे कम समय में मालामाल

Potato Onion Cultivation हमारे देश में कुछ फसलें ऐसी हैं. जिनका उत्पादन करके किसान साल में कभी भी मुनाफा कमा सकते हैं.आलू,प्याज और लहसुन ऐसी ही फसलों में से एक हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इन फसलों का अधिक उत्पादन करके मुनाफा कमाया जा सकता है. Garlic Cultivation in chhattisgarh

Potato Onion and Garlic Cultivation
आलू प्याज और लहसुन की खेती कब और किस विधि से करें
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 11, 2024, 6:21 AM IST

आलू प्याज और लहसुन की खेती का सही तरीका

रायपुर : आलू, प्याज और लहसुन की खेती कब और कैसे करें और किस विधि से की जाए. आज हम आपको इसी बात की जानकारी देंगे. छत्तीसगढ़ के किसान आलू, प्याज और लहसुन का अधिक उत्पादन ले सकते हैं. आलू के लिए सप्त बीज का रोपण कर आलू की अच्छी फसल ली जा सकती है. वहीं प्याज और लहसुन की खेती के लिए किसान 10-10 सेंटीमीटर की दूरी में बीज लगाएं. ये फसल 4 माह में तैयार हो जाती है. आलू प्याज और लहसुन की अलग-अलग किस्में हैं. कुछ ऐसी किस्में है, जो अधिक पैदावार देती है. जिससे प्रदेश के किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

आलू की खेती कैसे करें ? : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "सरगुजा संभाग के बारिश में भी आलू की फसल लगाते हैं, लेकिन प्रदेश के दूसरे जिलों में आलू की फसल किसान ठंड के सीजन में अच्छे से कर सकते हैं. आलू की फसल के लिए तीन पद्धति से आलू की पैदावार ली जा सकती है.

तीन तरीकों से आलू की खेती : कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक टीपीएस पद्धति से छोटा-छोटा ट्यूबर बनाकर आलू का रोपण किया जाना चाहिए. दूसरी पद्धति सीडलिंग ट्यूबर मेथड मध्यम आकार के ट्यूबर बनाकर आलू के पौधों का रोपण करना चाहिए. तीसरी पद्धति डायरेक्ट ट्यूबर मेथड कहलाती है.

''आलू की फसल लगाने के लिए प्रदेश की किसानों को नवंबर और दिसंबर का महीना उपयोगी माना गया है. इस समय लगने से आलू की फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है. आलू की कुछ चुनिंदा किस्म है, जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं." डॉक्टर घनश्याम दास साहू, कृषि वैज्ञानिक




कैसे करें लहसुन और प्याज की खेती ? : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "लहसुन और प्याज की खेती करने के लिए प्रदेश के किसानों को प्याज का थरहा 10-10 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए. ठीक इसी तरह लहसुन की कालिकाओं का रोपन 10-10 सेंटीमीटर की दूरी में करना चाहिए.

चार माह में तैयार हो जाएगी फसल : प्याज और लहसुन की खेती प्रदेश के किसान चार महीने में आसानी से ले सकते हैं. प्याज और लहसुन की कुछ चुनिंदा किस्म है, जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अच्छी पैदावार किस ले सकते हैं. आलू के पौधे में 25 दिनों के बाद मिट्टी चढ़ाना जरूरी होता है. इसके साथ ही 50 से 56 दिन के बीच में भी दूसरी बार मिट्टी को चढ़ाना होता है. आसपास उगने वाले खरपतवार को उखाड़ कर फेंकना होगा. कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान प्रदेश में आलू प्याज और लहसुन की अच्छी पैदावार ले सकते हैं."

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आलू प्याज और लहसुन की खेती का सही तरीका

रायपुर : आलू, प्याज और लहसुन की खेती कब और कैसे करें और किस विधि से की जाए. आज हम आपको इसी बात की जानकारी देंगे. छत्तीसगढ़ के किसान आलू, प्याज और लहसुन का अधिक उत्पादन ले सकते हैं. आलू के लिए सप्त बीज का रोपण कर आलू की अच्छी फसल ली जा सकती है. वहीं प्याज और लहसुन की खेती के लिए किसान 10-10 सेंटीमीटर की दूरी में बीज लगाएं. ये फसल 4 माह में तैयार हो जाती है. आलू प्याज और लहसुन की अलग-अलग किस्में हैं. कुछ ऐसी किस्में है, जो अधिक पैदावार देती है. जिससे प्रदेश के किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

आलू की खेती कैसे करें ? : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "सरगुजा संभाग के बारिश में भी आलू की फसल लगाते हैं, लेकिन प्रदेश के दूसरे जिलों में आलू की फसल किसान ठंड के सीजन में अच्छे से कर सकते हैं. आलू की फसल के लिए तीन पद्धति से आलू की पैदावार ली जा सकती है.

तीन तरीकों से आलू की खेती : कृषि वैज्ञानिक के मुताबिक टीपीएस पद्धति से छोटा-छोटा ट्यूबर बनाकर आलू का रोपण किया जाना चाहिए. दूसरी पद्धति सीडलिंग ट्यूबर मेथड मध्यम आकार के ट्यूबर बनाकर आलू के पौधों का रोपण करना चाहिए. तीसरी पद्धति डायरेक्ट ट्यूबर मेथड कहलाती है.

''आलू की फसल लगाने के लिए प्रदेश की किसानों को नवंबर और दिसंबर का महीना उपयोगी माना गया है. इस समय लगने से आलू की फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है. आलू की कुछ चुनिंदा किस्म है, जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अच्छा लाभ कमा सकते हैं." डॉक्टर घनश्याम दास साहू, कृषि वैज्ञानिक




कैसे करें लहसुन और प्याज की खेती ? : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "लहसुन और प्याज की खेती करने के लिए प्रदेश के किसानों को प्याज का थरहा 10-10 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए. ठीक इसी तरह लहसुन की कालिकाओं का रोपन 10-10 सेंटीमीटर की दूरी में करना चाहिए.

चार माह में तैयार हो जाएगी फसल : प्याज और लहसुन की खेती प्रदेश के किसान चार महीने में आसानी से ले सकते हैं. प्याज और लहसुन की कुछ चुनिंदा किस्म है, जिसको लगाकर प्रदेश के किसान अच्छी पैदावार किस ले सकते हैं. आलू के पौधे में 25 दिनों के बाद मिट्टी चढ़ाना जरूरी होता है. इसके साथ ही 50 से 56 दिन के बीच में भी दूसरी बार मिट्टी को चढ़ाना होता है. आसपास उगने वाले खरपतवार को उखाड़ कर फेंकना होगा. कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान प्रदेश में आलू प्याज और लहसुन की अच्छी पैदावार ले सकते हैं."

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