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प्रशासन की लापरवाहीः लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं हो पाया तालाब का सौंदर्यीकरण

राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत तालाब को सौंदर्यीकरण करने के लिए अब तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन तालाब की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

तालाब के सौंदर्यीकरण में प्रशासन की लापरवाही
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Published : Nov 24, 2019, 9:35 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 12:06 AM IST

रायपुरः राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत तालाबों का सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसके लिए 5 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पहलदवा तालाब से हुई है. प्रशासन के मुताबिक तालाब का सौंदर्यीकरण करने के लिए अब तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन अब तक तालाबों की स्थिति नहीं सुधरी है.

तालाब के सौंदर्यीकरण में प्रशासन की लापरवाही

पहलदवा बंधवा तालाब में गांधी नगर हनुमान नगर बंधवापारा सहित आसपास की बस्तियों में रहने वाले लोग इस पर आश्रित है. लोग सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम के लिए कई वर्षों से इस प्राचीन तालाब का उपयोग कर रहे हैं.

स्थानीय प्रशासन के दावे फेल
रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि कई तालाबों में साफ-सफाई का काम चल रहा है. इस पर स्थानीय लोगों ने बताया कि तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ मजाक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तकरीबन एक साल पहले तालाब की सफाई कराई गई थी. लेकिन अभी तालाब में जलकुंभी भी बहुत मात्रा है.जिसके बाद प्रशासन ने दोबार ध्यान नहीं दिया है.

आनन-फानन में लोकार्पण
स्थानीय लोगों का आरोप है कि तालाब में पचरीघाट, पाथ-वे और तालाब पार में लोहे की रेलिंग आनन फानन में बनावाई, और इसका खानापूर्ति के लिए लोकार्पण करवा दिया.

ETV भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
प्रशासन का दावा है कि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन तालाब के किनारे पर जगह-जगह कूड़े कचरे का ढेर है. साथ ही तालाबों में जलकुंभी भी बड़ी मात्रा में देखी जा सकती है.

रायपुरः राजधानी रायपुर में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत तालाबों का सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. जिसके लिए 5 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पहलदवा तालाब से हुई है. प्रशासन के मुताबिक तालाब का सौंदर्यीकरण करने के लिए अब तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन अब तक तालाबों की स्थिति नहीं सुधरी है.

तालाब के सौंदर्यीकरण में प्रशासन की लापरवाही

पहलदवा बंधवा तालाब में गांधी नगर हनुमान नगर बंधवापारा सहित आसपास की बस्तियों में रहने वाले लोग इस पर आश्रित है. लोग सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम के लिए कई वर्षों से इस प्राचीन तालाब का उपयोग कर रहे हैं.

स्थानीय प्रशासन के दावे फेल
रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि कई तालाबों में साफ-सफाई का काम चल रहा है. इस पर स्थानीय लोगों ने बताया कि तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ मजाक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि तकरीबन एक साल पहले तालाब की सफाई कराई गई थी. लेकिन अभी तालाब में जलकुंभी भी बहुत मात्रा है.जिसके बाद प्रशासन ने दोबार ध्यान नहीं दिया है.

आनन-फानन में लोकार्पण
स्थानीय लोगों का आरोप है कि तालाब में पचरीघाट, पाथ-वे और तालाब पार में लोहे की रेलिंग आनन फानन में बनावाई, और इसका खानापूर्ति के लिए लोकार्पण करवा दिया.

ETV भारत की ग्राउंड रिपोर्ट
प्रशासन का दावा है कि तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन तालाब के किनारे पर जगह-जगह कूड़े कचरे का ढेर है. साथ ही तालाबों में जलकुंभी भी बड़ी मात्रा में देखी जा सकती है.

Intro:रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 5 करोड़ की लागत से तालाबों का सौंदर्यीकरण करने का प्रोजेक्ट तैयार किया है जिसमें अब तक सिर्फ पहलदवा तालाब पर लाखों रुपए फूंक दिया गए हैं पर देखने से नहीं लग रहा कि किसी तरह का भी काम अभी तक किया गया हो जगह-जगह कूड़ा कचरा दिखाई दे रहा है सड़क किनारे तालाबों के पास गाय बैठी हुई मिल रही है साथ ही तालाबों में जलकुंभी भी बड़ी मात्रा में दिखाई दे रहे है।


पुरानी बस्ती स्थित पहलदवा बंधवा और खो खो तालाब को आपस में जोड़ने और उसकी सफाई तथा सुंदरीकरण के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 5 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया है पर इससे ना तो तालाब की गंदगी साफ हुई ना ही स्थिति निस्तरी लायक बन पाया।

Body:रायपुर महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि कई तालाबों में साफ-सफाई के काम चल रहे हैं साथ ही तालाब के किनारे करेला रेलिंग भी लगाई जा रही है।

जब ईटीवी भारत ने लोगो से जानने की कोशिश की अब तक तालाबों में कितना काम हुआ है तब लोगों ने बताया कि तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है अब तक से पहाड़ी तालाब के एक तरफ एक्सरसाइज करने के झूले लगाए गए हैं ना आसपास के कचरे साफ किए गए हैं और ना एक्सरसाइज मशीन के नीचे टाइल्स लगाई गई है साथ ही लोगों का बताया कि तालाब मैं जलकुंभी भी काफी मात्रा में है और आसपास घास भी काफी है इससे यह पता नहीं चल रहा कि किस तरह की सफाई की गई है।

पचरीघाट पाथ वे और तालाब पार में लोहे की रेलिंग बनाकर आचार संहिता से पहले रविवार को आनन-फानन में लोकार्पण की खानापूर्ति जरूर की गई पर इसे लेकर तालाब के संरक्षण की योजना पर सवाल लगे है।
विदित हो कि पहलदवा बंधवा तालाब में गांधी नगर हनुमान नगर बंधवापारा सहित आसपास के बस्तियों में रहने वाले लोग इन्हीं तालाबों में आश्रित है सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रम के लिए भी लोग सालों से इस प्राचीन तालाब का उपयोग कर रहे हैं।

Conclusion:पहली दफा तालाब से लगा बंधवा तालाब इस प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है जहां तालाब पार में पाइप डालकर तालाबों को जोड़ने की खानापूर्ति तो अफसरों ने कर दी पर जलकुंभी और खरपतवार से कटे हुए प्राचीन तालाब की सफाई नहीं हो पाई है।

बाइट :- रायपुर महापौर प्रमोद दुबे ( पीला कुर्ता)

बाइट :- राम कृपाल राय ( स्थानीय निवासी नीला शर्ट)
बाइट :- फूलचंद सोनी (स्थानीय निवासी सफेद शर्ट)

अभिषेक कुमार सिंह ईटीवी भारत रायपुर
Last Updated : Nov 25, 2019, 12:06 AM IST
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