नई दिल्ली/रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ने आरक्षण पर बड़ा बयान (politics on reservation of tribals in chhattisgarh) दिया है. सीएम बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आरक्षण को बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी और अपना पक्ष रखेगी. सीएम बघेल ने कहा है कि आदिवासियों की जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण बढ़ाने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. इस पूरे मामले के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक समिति का गठन किया है. जो नवंबर में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. छत्तीसगढ़ बनने से पहले जब छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश का हिस्सा था तब छत्तीसग़ में 20 प्रतिशत आदिवासी और 16 फीसदी एससी वर्ग था. लेकिन राज्य निर्माण के बाद यह अनुपात बढ़ गया. एसटी वर्ग 32 फीसदी हो गया. जबकि एससी वर्ग 13 फीसदी तक हो गए. Baghel government go Supreme Court
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पिछली सरकार पर बरसे सीएम बघेल: सीएम बघेल ने कहा कि साल 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने छत्तीसगढ़ में जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण की मंजूरी दी थी. लेकिन पिछली सरकार ने इसे 2011 तक रोक दिया. आदिवासियों के आंदोलन के बाद साल 2012 में यहां 58 फीसदी आरक्षण दिया गया. इसके बाद दो समितियां बनाई लेकिन कभी इन समितियों ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश नहीं की और न ही कोर्ट में पेश हुए. जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षण के फैसले को रद्द कर दिया.
हमने कमिटी बनाई है, उसके अनुसार करेंगे काम: सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमने समिति बनाई है. नवंबर में समिति रिपोर्ट पेश करेगी. हम अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.