रायपुर: आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी ने बघेल सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उसके अलावा धर्मांतरण पर बीजेपी ने बघेल सरकार पर कार्रवाई नहीं करने की बात कही है. बीजेपी की तरफ से धरना प्रदर्शन में पूर्व सीएम रमन सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सहित कई बड़े नेता शामिल हुए. इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी ने बघेल सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए
बृजमोहन अग्रवाल का बघेल सरकार पर निशाना: बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि" भूपेश बघेल सरकार आदिवासी समाज, पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जाति और गरीबों को गुमराह कर रही है. धर्मांतरण के नाम पर छत्तीसगढ़ में आग लगाने का काम कर रही है. संविधान की अवमानना कर रहे हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को अगर कोई खराब कर रहा है तो वह भूपेश बघेल कर रहे हैं. धर्मांतरण को लेकर सरकार चुप है"
बघेल सरकार आरक्षण देना नहीं चाहती: बृजमोहन अग्रवाल ने आगे कहा कि" बघेल सरकार आरक्षण नहीं देना चाहती. वह सबको गुमराह करना चाहती है. इसके विरोध में हम यहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बार बार हम विधानसभा में मांग कर रहे हैं कि आरक्षण का आधार क्वांटिफाएबल डाटा विधानसभा में पेश किया जाए. जिससे विधेयक जो पारित हुआ वह लागू हो सके. बघेल सरकार आरक्षण नहीं देना चाहती है. सबको गफलत में रखना चाहती है. इसिलए हम विरोध कर रहे हैं. सिर्फ भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव को लेकर यह आरक्षण विधेयक लाया गया है"
नेता प्रतिपक्ष ने धर्मांतरण और आरक्षण पर बघेल सरकार को घेरा: जब काग्रेस के आरोपों पर ईटीवी भारत ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से बात की तो उन्होंने बघेल सरकार को घेरा उन्होंने कहा कि" देखिए कांग्रेस अपनी विफलता को छिपाने के लिए महामहिम का नाम ले रही है. सरकार क्वांटिफाएबल डाटा जो की आरक्षण का आधार है बेस है उसे क्यों नहीं पेश कर रही है. सरकार इसे क्यों छिपा रही है. जनता को भ्रमित करने का काम ये सरकार कर रही है."
सरकार की लापरवाही से कोर्ट ने आरक्षण रद्द किया: धरमलाल कौशिक ने आगे कहा कि"जब बीजेपी की सरकार ने आरक्षण पास किया था. वह लागू था. उनको रास नहीं. इनके लोग कोर्ट में जाकर याचिका दायर किए और उसके बाद यह रद्द हुआ. सरकार क्वांटिफाएबल डाटा क्यों नहीं पेश करना चाहते है. यह सिर्फ दिखावा के लिए आरक्षण लेकर आ रहे हैं. कांग्रेस ने आरक्षण को लेकर जो विरोध प्रदर्शन किया वह नौटंकी है. बस्तर से सरगुजा तक धर्मांतरण का खेल चल रहा है. आदिवासी समाज के साथ मारपीट हो रही है. 6 महीने से घटनाएं हो रही है. सरकार सोई हुई है. प्रदेश में सरकार सोई हुई. ये सोकर बता रहे हैं कि एक विशेष समाज धर्मांतरण करता रहा. आदिवासी समाज सुरक्षित न हो ये लोग चाहते हैं. एक विशेष वर्ग को खुली छूट दे दी गई है"