रायपुर: प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल से ग्रामीण परिवारों का सामाजिक और आर्थिक सर्वे कराने के निर्देश जारी किए हैं. प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है तो वही इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ प्रदेशवासियों को ना मिलने के पीछे मुख्य वजह सर्वे न किया जाना बताया जा रहा है. कांग्रेस की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस सर्वे को आधार बनाकर राज्य सरकार आगे चलकर प्रदेश की जनता के लिए पीएम आवास सहित अन्य योजना बनाएगी. इसके उलट भाजपा ने पीएम आवास को लेकर प्रदेश सरकार पर 16 लाख हितग्राहियों को आवास से वंचित रखने का आरोप लगाया है.
हर जिले से 2-2 हितग्राहियों के पांव पखारकर करें आगाज: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "घेराव आंदोलन की शुरुआत के पहले प्रतीकात्मक रूप से हर एक जिले से 2-2 हितग्राहियों का सबसे पहले हम पैर पखारेंगे, उनका स्वागत करेंगे और फिर घेराव का आंदोलन शुरू किया जाएगा." भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि "2 लाख 30 हजार आवास के लिए उन्होंने 2 हजार करोड़ की घोषणा बजट में की है. 2 दिन पहले अपने बजट भाषण में सीएम ने कहा था कि हम फिर से सर्वे कराएंगे. 2011 के जो सेंसेक्स हैं, वह पुराने हो गए हैं. इस पर हमने कहा कि सेंसेक्स पूरे देश के लिए एक लागू होता है, एक प्रदेश के लिए कोई जनगणना नहीं होती. 16 लाख आवास स्वीकृत हैं, जिनमें से 8 लाख बनाने का दावा किया गया. इस पर भी एतराज किया गया. जो 8 लाख आवास बना है उसका डाटा मांगा गया."
भाजपा और कांग्रेस में वार पलटवार: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ओपी चौधरी का कहना है कि "2011 में जो सर्वे कराया गया था उस समय देश में कांग्रेस की थी. पूरे देश में सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण हुआ था. क्या मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के सरकार के सर्वे को भी भूपेश बघेल नहीं मानते हैं." इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि "आम जनगणना कराना केंद्र सरकार का दायित्व है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए आंकड़े छिपा रही. यही कारण है कि 2011 के बाद 2021 में जनगणना होना था लेकिन आज तक पहल नहीं हुई. पिछले 7 वर्षों में तेजी से देश के भीतर असमानता बढ़ी है, भुखमरी और महंगाई भी बढ़ी है. जो पात्र हितग्राही हैं, जिनका नाम सर्वे लिस्ट में आना था वह लाभ से वंचित हो रहा है. ऐसे में सर्वे के निर्णय का स्वागत होना चाहिए."
सरकार कब सर्वे कराएगी और कब मकान बांटेगी: राजनीति जानकार और वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "अभी सरकार के द्वारा सर्वे कराए जाने की बात हो रही है. 6 महीने बाद चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार कब सर्वे कर आएगी और कब मकान बंटेगी. हो सकता है कि सरकार इस सर्वे के जरिए चुनाव तक लोगों को बांधे रखना चाहती है." रामअवतार तिवारी ने कहा कि "गरीबों को मकान मिलना चाहिए यह सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि सरकार गरीबों को मकान नहीं देती है तो इसका खामियाजा कांग्रेस को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है. यही वजह है कि कांग्रेस सरकार सर्वे वाली योजना लाई है. इधर इस मामले को लेकर भाजपा भी लंबे समय से एक्सरसाइज कर रही थी और अब भाजपा को लगा कि इसे मुद्दा बनाया जाए. यही वजह है कि भाजपा ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है.