रायपुर: छत्तीसगढ़ में भगवान राम पर राजनीति तेज हो गई है (politics on lord ram in chhattisgarh). भगवान राम को लेकर कांग्रेस के खिलाफ दिए गए बयान के मामले में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को नोटिस थमाया है. इस नोटिस में कांग्रेस ने अरुण साव से पूछा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कब भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाला हलफनामा दिया था (Congress notice to Arun Sao). छत्तीसगढ़ कांग्रेस के विधि विभाग की तरफ से अरुण साव को यह कानूनी नोटिस भेजा गया है. कांग्रेस ने इस नोटिस के जरिए यह पूछा है कि कांग्रेस पार्टी ने किस तारीख को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था. जिसमें श्रीराम को अस्तित्व को नकारने की बात कही है (Congress affidavit on Lord Ram).
सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर बोला हमला: छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि अरुण साव को लीगल नोटिस भेजा गया है. नोटिस में अरुण साव को कहा गया है कि उन्होंने जो आरोप राम और कृष्ण का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर लगाए हैं. उसे प्रमाणित करने वाले तथ्य प्रस्तुत करें या फिर लिखित में माफी मांगे. नहीं तो इस मुद्दे पर कांग्रेस लीगल सेल की तरफ से अरुण साव के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.
अरुण साव को नोटिस मिलने का दावा: छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को यह नोटिस मिल चुका है. कांग्रेस ने अरुण साव के उस बयान पर यह नोटिस दिया है. जो 20 अगस्त 2022 को कई अखबारों और समाचार पत्रों में छपा था. कांग्रेस का आरोप है कि अरुण साव के इस बयान के जरिए अखबारों में छपा था कि "भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण निसंदेह सबके हैं.लेकिन कांग्रेस के वे कभी नहीं हो सकते. मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि, उनकी पार्टी ने ऊपरी अदालत में बक़ायदा हलफनामा देकर श्रीराम को काल्पनिक बताया था. ये वही लोग हैं जिन्होंने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया था. जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कर दिया था.”
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कांग्रेस ने तीन बिंदुओं पर मांगे जवाब: अरुण साव को नोटिस में कांग्रेस ने तीन बिंदुओं पर जवाब मांगे हैं. ये तीन प्रश्न हैं.
- कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कब और किस समय वह हलफनामा दिया जिसमें भगवान राम को काल्पनिक बताया गया
- कांग्रेस ने श्रीराम सेतु को तोड़ने का खाका कब और किस समय तैयार किया
- कांग्रेस ने श्रीराम जन्मभूमि पर मस्जिद बनाने का वादा कब और किस समय किया
राम पर सियासत से फिर गर्माएगी छत्तीसगढ़ की राजनीति: भगवान राम पर सियासत से एक बार फिर छत्तीसगढ़ में राजनीति गर्माएगी. अभी बीजेपी की तरफ से इस नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.