ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत में राजनीतिक दलों ने झोंकी ताकत ! - भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव

छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की राजनीति तेज हो गई है. कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के जरिए बीजेपी पर निशाना साधने की रणनीति बना रही है तो वहीं बीजेपी ने स्नेह यात्रा निकालने की तैयारी कर ली है. जानिए इन दो यात्राओं से छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या परिवर्तन आएगा.

impact of padyatra on politics of chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत
author img

By

Published : Jul 10, 2022, 8:09 PM IST

Updated : Jul 12, 2022, 9:33 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत तेज हो चली है. राज्य में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाली है. जबकि बीजेपी स्नेह यात्रा के जरिए लोगों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है.इन पदयात्रा के माध्यम से दोनों ही राजनैतिक दल प्रदेश की जनता को साधने की कोशिश कर रहे हैं. खासतौर पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह पदयात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.आखिर इस पद यात्रा के क्या है मायने, किस तरह से निकाली जाएगी पदयात्रा, जनता पर इसका किस तरह का प्रभाव पड़ेगा. इन दोनों राजनितिक दल का यह प्रयास कितना कारगर साबित होगा. ऐसे तमाम सवाल है जिसका जवाब जनता जानने की कोशिश कर रही है. इन दोनों यात्राओं के कई मायने निकाले जा रहे हैं. दोनों ही दल एक दूसरे की पदयात्रा को राजनीति से प्रेरित बता रही है.


बीजेपी की स्नेह यात्रा पर सीएम बघेल ने साधा निशाना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात की जाए तो उन्होंने भाजपा के इस यात्रा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि " पहले बीजेपी नफरत फैलाने का काम करती है. फिर उसके बाद स्नेह यात्रा निकालती है. बीजेपी ने पहले समाज में नफरत का बीज बोया, अल्पसंख्यकों के बीच में नफरत फैलाया, समाज में भेद डालने का काम बीजेपी ने किया" उदयपुर कि घटना उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "घटना को अंजाम देने वाला भारतीय जनता पार्टी का है. उकसाने वाला भी बीजेपी का है. हत्यारा भी भारतीय जनता पार्टी के हैं. क्या बीजेपी इसे स्वीकार करेगी"

छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत



कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भाजपा ने ली चुटकी: वहीं इस पदयात्रा को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि "पदयात्रा जनता से जुड़ने का एक माध्यम होता है. बीजेपी में तो हमेशा यात्राओं का एक सिलसिला जारी रहता है. रथ यात्रा, सद्भावना यात्रा सहित अन्य कई यात्राएं भाजपा के द्वारा की जाती रही है. पदयात्रा भाजपा की प्राथमिकता में रहा है , लेकिन कांग्रेस जिस भारत जोड़ो पदयात्रा की बात कर रही है, वह खुद कांग्रेस को तो जोड़ नहीं पा रही है. कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. गांधी परिवार और दो सिपहसालार ही नजर आ रहे हैं. जो अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं. मुझे लगता है कांग्रेस को भारत जोड़ने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. भारत जुड़ा हुआ है. इस पर संदेह नहीं है . फायदा तब मिलेगा जब वह खुद कांग्रेस को ही जोड़ ले"



दोनों की पदयात्रा का है स्वागत: वहीं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहना है कि "पदयात्रा जनता के बीच जाकर उनकी भावनाओं को समझने. जमीनी स्तर को पता लगाने और लोगों से मिलने का एक बढ़िया जरिया है. जो राजनीतिक दलों के द्वारा समय-समय पर की जाती रही है. ऐसी पदयात्राओं का स्वागत है. रामअवतार तिवारी ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा कि आज भारत को जोड़ने की जरूरत है क्योंकि असंतोषी तत्व, विदेशी एजेंट, विदेशी शक्तियां जिस तरह से भारत में अलग अलग तरीके से सक्रिय रहती है. भारत के अंदर अलग संगठन और एनजीओ के जरिये असंतोष पैदा करने में लगी रहती है. उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है" रामअवतार तिवारी ने कहा कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि राजनीति घुस गई तो यह यात्रा मुद्दे से भटक जाएगा और इसका महत्व नहीं रहेगा"

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल पर गरमाई सियासत !



कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा" छत्तीसगढ़ से भी गुजरे. इसके लिए प्रदेश कांग्रेस एआइसीसी से आग्रह करेगी. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह 'प्रस्ताव रखा. सभी पदाधिकारियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. भारत जोड़ो यात्रा, गांधी जयंती के दिन दो अक्टूबर को कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए शुरू होगी. कांग्रेस 9 अगस्त से विधानसभा वार 75 किलोमीटर की पदयात्रा भी करने जा रही है. पार्टी के द्वारा 15 अगस्त को रायपुर में एक बड़ा आयोजन भी किया जा रहा है."

बीजेपी की स्नेह यात्रा: हाल ही में हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण बात कही हैं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सुझाव दिया है कि "अल्पसंख्यकों में जो वंचित और कमजोर तबका है उनके बीच जाकर अपनी बात पहुंचाएं. उन्होंने ये भी कहा कि हमें तुष्टीकरण नहीं बल्कि तृप्तिकरण के रास्ते पर आगे बढ़ना है और इसके लिए बीजेपी को देश भर में 'स्नेह यात्रा' निकालनी चाहिये".

मोदी की अपील के क्या हैं मायने: मोदी की इस अपील के दो मायने निकाले जा रहे हैं . पहला यह है कि, मुसलमानों के वंचित तबकों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा दिलाते हुए बीजेपी उनके बीच भी अपना जनाधार मजबूत करना चाहती है. और, दूसरा यह कि पिछले कुछ अरसे में कट्टरता और विवादित बयानबाजी के चलते देश में नफरत का जो माहौल बना है. उसे ऐसी 'स्नेह यात्रा' के जरिये काफी हद तक दूर किया जा सकता है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत तेज हो चली है. राज्य में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा निकालने वाली है. जबकि बीजेपी स्नेह यात्रा के जरिए लोगों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है.इन पदयात्रा के माध्यम से दोनों ही राजनैतिक दल प्रदेश की जनता को साधने की कोशिश कर रहे हैं. खासतौर पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह पदयात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.आखिर इस पद यात्रा के क्या है मायने, किस तरह से निकाली जाएगी पदयात्रा, जनता पर इसका किस तरह का प्रभाव पड़ेगा. इन दोनों राजनितिक दल का यह प्रयास कितना कारगर साबित होगा. ऐसे तमाम सवाल है जिसका जवाब जनता जानने की कोशिश कर रही है. इन दोनों यात्राओं के कई मायने निकाले जा रहे हैं. दोनों ही दल एक दूसरे की पदयात्रा को राजनीति से प्रेरित बता रही है.


बीजेपी की स्नेह यात्रा पर सीएम बघेल ने साधा निशाना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात की जाए तो उन्होंने भाजपा के इस यात्रा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि " पहले बीजेपी नफरत फैलाने का काम करती है. फिर उसके बाद स्नेह यात्रा निकालती है. बीजेपी ने पहले समाज में नफरत का बीज बोया, अल्पसंख्यकों के बीच में नफरत फैलाया, समाज में भेद डालने का काम बीजेपी ने किया" उदयपुर कि घटना उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "घटना को अंजाम देने वाला भारतीय जनता पार्टी का है. उकसाने वाला भी बीजेपी का है. हत्यारा भी भारतीय जनता पार्टी के हैं. क्या बीजेपी इसे स्वीकार करेगी"

छत्तीसगढ़ में पदयात्रा की सियासत



कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर भाजपा ने ली चुटकी: वहीं इस पदयात्रा को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि "पदयात्रा जनता से जुड़ने का एक माध्यम होता है. बीजेपी में तो हमेशा यात्राओं का एक सिलसिला जारी रहता है. रथ यात्रा, सद्भावना यात्रा सहित अन्य कई यात्राएं भाजपा के द्वारा की जाती रही है. पदयात्रा भाजपा की प्राथमिकता में रहा है , लेकिन कांग्रेस जिस भारत जोड़ो पदयात्रा की बात कर रही है, वह खुद कांग्रेस को तो जोड़ नहीं पा रही है. कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं. गांधी परिवार और दो सिपहसालार ही नजर आ रहे हैं. जो अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं. मुझे लगता है कांग्रेस को भारत जोड़ने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है. भारत जुड़ा हुआ है. इस पर संदेह नहीं है . फायदा तब मिलेगा जब वह खुद कांग्रेस को ही जोड़ ले"



दोनों की पदयात्रा का है स्वागत: वहीं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहना है कि "पदयात्रा जनता के बीच जाकर उनकी भावनाओं को समझने. जमीनी स्तर को पता लगाने और लोगों से मिलने का एक बढ़िया जरिया है. जो राजनीतिक दलों के द्वारा समय-समय पर की जाती रही है. ऐसी पदयात्राओं का स्वागत है. रामअवतार तिवारी ने कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा कि आज भारत को जोड़ने की जरूरत है क्योंकि असंतोषी तत्व, विदेशी एजेंट, विदेशी शक्तियां जिस तरह से भारत में अलग अलग तरीके से सक्रिय रहती है. भारत के अंदर अलग संगठन और एनजीओ के जरिये असंतोष पैदा करने में लगी रहती है. उन्हें बेनकाब करने की जरूरत है" रामअवतार तिवारी ने कहा कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि राजनीति घुस गई तो यह यात्रा मुद्दे से भटक जाएगा और इसका महत्व नहीं रहेगा"

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक फेरबदल पर गरमाई सियासत !



कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा" छत्तीसगढ़ से भी गुजरे. इसके लिए प्रदेश कांग्रेस एआइसीसी से आग्रह करेगी. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह 'प्रस्ताव रखा. सभी पदाधिकारियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. भारत जोड़ो यात्रा, गांधी जयंती के दिन दो अक्टूबर को कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए शुरू होगी. कांग्रेस 9 अगस्त से विधानसभा वार 75 किलोमीटर की पदयात्रा भी करने जा रही है. पार्टी के द्वारा 15 अगस्त को रायपुर में एक बड़ा आयोजन भी किया जा रहा है."

बीजेपी की स्नेह यात्रा: हाल ही में हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण बात कही हैं. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सुझाव दिया है कि "अल्पसंख्यकों में जो वंचित और कमजोर तबका है उनके बीच जाकर अपनी बात पहुंचाएं. उन्होंने ये भी कहा कि हमें तुष्टीकरण नहीं बल्कि तृप्तिकरण के रास्ते पर आगे बढ़ना है और इसके लिए बीजेपी को देश भर में 'स्नेह यात्रा' निकालनी चाहिये".

मोदी की अपील के क्या हैं मायने: मोदी की इस अपील के दो मायने निकाले जा रहे हैं . पहला यह है कि, मुसलमानों के वंचित तबकों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा दिलाते हुए बीजेपी उनके बीच भी अपना जनाधार मजबूत करना चाहती है. और, दूसरा यह कि पिछले कुछ अरसे में कट्टरता और विवादित बयानबाजी के चलते देश में नफरत का जो माहौल बना है. उसे ऐसी 'स्नेह यात्रा' के जरिये काफी हद तक दूर किया जा सकता है.

Last Updated : Jul 12, 2022, 9:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.