रायपुर : हरियाणा की राज्यसभा सीट (Haryana Rajya Sabha elections) के लिए 10 जून को मतदान होगा. कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजा है. रायपुर के एक रिसॉर्ट में मौजूद हरियाणा के 29 विधायकों को वोटिंग की रिहर्सल भी करवाई गई. ताकि गलती से भी उनका वोट रिजेक्ट न हो. दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ की विपक्षी पार्टी बीजेपी के नेता कांग्रेसी विधायकों पर हो रहे खर्च को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर साधा निशाना: छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपने बयान में कहा है कि "प्रदेश की सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पैसे नहीं हैं मगर फिजूलखर्ची के लिए पैसे की कमी नहीं है.धरमलाल कौशिक के इस बयान को हरियाणा के कांग्रेस विधायकों पर किये (bjp targeted Baghel government over expenditure on Congress MLA of Haryana) जा रहे खर्चे से जोड़कर देखा जा रहा है. कौशिक ने यह बयान तब दिया जब उनसे हरियाणा के विधायकों को रायपुर में ठहराए जाने से जुड़ा सवाल किया गया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को ना तो अपने जनप्रतिनिधियों पर भरोसा है और ना ही जनप्रतिनिधियों को पार्टी के ऊपर भरोसा है. यही वजह है कि हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों को छत्तीसगढ़ में पर्यटन करवाने लाया गया है. धरमलाल कौशिक ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास एक तरफ विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं है लेकिन फिजूलखर्ची के लिए पैसों की कमी नहीं है".
कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला जवाबी हमला: छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "हरियाणा के विधायक कांग्रेस के सांगठनिक कार्यक्रम में शामिल होने आये हैं. यह महज संयोग मात्र है कि इसी दरमियान हरियाणा में राज्यसभा के चुनाव होने हैं. शुक्ला ने कहा कि सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के मेहमान हैं. सुशील आनंद शुक्ला ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पर निशाना साधते हुए कहा कि विषय की जानकारी लेने के बाद ही उन्हें बयान देना चाहिए. इस तरह की बयानबाजी से उनकी खुद की छवि खराब होगी".
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हरियाणा के कांग्रेस विधायक क्यों आए हैं छत्तीसगढ़ : 2 जून से हरियाणा के करीब 29 कांग्रेसी विधायक रायपुर प्रवास पर हैं. इन सभी विधायकों को नया रायपुर के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है. राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार कांग्रेस की यह कवायद क्रॉस वोटिंग को रोकने के लिए है. हालांकि कांग्रेस के नेता मानते हैं कि हरियाणा के सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के सांगठनिक कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं.
विधायकों के आवभगत की चर्चा : प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में भी हरियाणा के विधायकों के आवभगत में हो रहे खर्च को लेकर चर्चा हो रही है. राजनीतिक पार्टियां ही नहीं बल्कि इसकी चर्चा आम लोगों के बीच भी हो रही है. लोग अपने अपने सूत्रों से इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि आखिर हरियाणा के विधायकों पर पार्टी कितना खर्च कर रही है.
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संभावित खर्च का गणित : सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस रिसॉर्ट में कांग्रेसी विधायकों को रुकवाया गया है. वहां के कमरों का टैरिफ 4 हजार से 1 लाख रुपये प्रतिदिन तक है.
मिली जानकारी के अनुसार रिसोर्ट में क्लब रूम का चार्ज करीब 4 हजार रुपये है
- एग्जिट गार्डन फेसिंग रूम करीब10 हजार रुपये का है.
- स्वीट रूम 19 हजार रुपये का है
- डीलक्स स्वीट्स रूम करीब 25 हजार रुपये का है
- प्रेसिडेंशियल स्वीट का टैरिफ 1लाख 18 हजार रुपये प्रति दिन के करीब है
सूत्रों के मुताबिक इन सभी रूम के चार्ज के साथ ब्रेकफास्ट और मील का चार्ज अलग से देना पड़ता है. सूत्रों ने बताया कि 2 जून से 9 जून तक हरियाणा के सभी विधायक इसी रिसॉर्ट में रुकें हैं. सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के विधायकों को औसतन 10 हजार रुपये टैरिफ वाले रूम में ठहराया गया है. विधायकों के लिए करीब 30 से अधिक कमरे बुक किए गए हैं. जिसका किराया लगभग 3 लाख प्रति दिन होगा. सूत्रों के मुताबिक 8 दिन रुकने पर इन विधायकों के सिर्फ ठहरने में करीब 24 लाख खर्च होगा. सूत्रों के मुताबिक इन सबके अलावा खानपान और अन्य सुविधाओं के लिए अलग-अलग चार्जेस हैं. इन सब के औसतन चार्ज को अगर जोड़ा जाए तो इन विधायकों पर सिर्फ रिसॉर्ट में 50 लाख से अधिक खर्च होगा. सूत्र ने बताया कि इसके अलावा इन विधायकों के परिवहन, सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं पर खर्च का आंकलन करें तो यह आंकड़ा करोड़ से ज्यादा होगा. हालांकि कांग्रेस के नेताओं का यह कहना है कि यह आयोजन पार्टी के बैनर तले हो रहा है. इसलिए इसका खर्च. सरकार नहीं बल्कि पार्टी उठा रही है.