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'गंगाजल' के बाद 'गीता' पर छत्तीसगढ़ में गरमाई सियासत - रमन सिंह ने किया पलटवार

'गंगाजल' के बाद 'गीता' पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई है. रमन के आरोप पर कांग्रेस का पलटवार किया है. कांग्रेस के लोगों ने कानूनी नोटिस भेजने की चेतावनी दी है.

रमन सिंह
रमन सिंह
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Published : Sep 25, 2022, 5:53 PM IST

Updated : Sep 25, 2022, 9:33 PM IST

रायपुर: गंगाजल हाथ में लेकर सौगंध खाने का मामला थमा भी नहीं था, कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने एक नया बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ की गली गली में गंगाजल और गीता हाथ में लेकर 36 घोषणा किया था, जिन घोषणा पत्र पर आज तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें: मुंगेली में 17 से ज्यादा गायों की मौत के जिम्मेदार कौन: धरमलाल कौशिक

बीजेपी ने क्या बोल दिया: साल 2018 में चुनाव के पहले कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार वार्ता ली गई थी. इस पत्रकारवार्ता में उस समय के कांग्रेस के नेता आरपीएन सिंह तत्कालीन राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल, राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेरा, तत्कालीन कांग्रेस के मीडिया चेयरमेन शैलेष नितिन त्रिवेदी, वर्तमान चेयरमेन सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता आरपी सिंह सहित कांग्रेस के प्रवक्तागण उपस्थित थे. इनमें से आरपीएन सिंह अब भाजपा में और जयवीर शेरगिल भी कांग्रेस में नहीं है. उस दौरान गंगाजल हाथ में लेकर कर्ज माफी की कसम खाई गई थी ना की घोषणा पत्र में किए गए 36 वादों को पूरा करने की.

राजा आरपीएन सिंह से पूछों क्या खाई थी कसम: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "जिन तत्कालीन कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने गंगाजल हाथ में लेकर उस दौरान सौगंध खाई थी. वह आज भाजपा में है. डॉक्टर रमन सिंह को चाहिए कि उनसे पूछ ले कि उस दौरान आरपीएन सिंह ने गंगाजल हाथ में लेकर किस बात के लिए सौगंध खाई थी.

रमन के बयान पर कांग्रेस का तीखी प्रतिक्रिया: डॉ. रमन सिंह के बयान को लेकर भी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि "गीता और गंगाजल के प्रति हर भारतवासी की अटूट आस्था है. महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई गीता के साथ लड़ी, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गीता रहस्य लिखा. बिनोवा भावे ने गीताई लिखा. चंद्रशेखर आजाद भी जब आजादी की लड़ाई में शहीद हुए तो उस दौरान उनकी एक जेब में रिवाल्वर को एक जेब में गीता रहती थी. ऐसी सम्मानित गीता और गंगाजल को लेकर डॉ. रमन सिंह झूठी बातें कहे जा रहे हैं जो काफी दुखद है. इसके लिए छत्तीसगढ़ की जनता कभी रमन सिंह को माफ नहीं करेगी."


इस मामले को लेकर कांग्रेस ने डॉ. रमन सिंह से 3 दिन में अपना बयान वापस लेने की बात कही है. बयान वापस न लेने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने तो भाजपा के नेताओं को चुनौती दी है कि वे हाथ में गंगा जल लेकर कसम खाएं कि कांग्रेस ने किस घोषणा के लिए गंगाजल लेकर सौगंध खाई थी.

गीता पर छत्तीसगढ़ में गरमाई सियासत

रमन सिंह ने किया पलटवार: कांग्रेस के इन आरोपों पर एक बार फिर रमन सिंह ने पलटवार किया है. डॉ रमन सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जन्म घोषणा पत्र बनाने वाले टीएस सिंह देव एक बार उसे पढ़ लें जो बातें उन्होंने जनता के बीच शारीरिक रूप से जाकर किया था. अब एक-एक कर वे गंगाजल और गीता को नकार रहे हैं. अब उन्हें लग रहा है कि गंगा जल लेकर कसम खाई थी और उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है तो निश्चित रूप से इसका दुष्परिणाम भुगतना ही पड़ेगा. लाखों महिलाओं ने शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता, नियमितीकरण की बात कही थी. आज उससे मुकर रहे हैं. सरकार बनते ही पहली कलम से नियमितीकरण का वादा किया था, वह पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव चौराहे पर खड़े होकर सार्वजनिक रूप से कहे कि हमने यह वादा नहीं किया था. इसे जन घोषणा पत्र से निकाल दें.

रायपुर: गंगाजल हाथ में लेकर सौगंध खाने का मामला थमा भी नहीं था, कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने एक नया बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ की गली गली में गंगाजल और गीता हाथ में लेकर 36 घोषणा किया था, जिन घोषणा पत्र पर आज तक क्रियान्वयन नहीं हुआ है.

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बीजेपी ने क्या बोल दिया: साल 2018 में चुनाव के पहले कांग्रेस प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक पत्रकार वार्ता ली गई थी. इस पत्रकारवार्ता में उस समय के कांग्रेस के नेता आरपीएन सिंह तत्कालीन राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल, राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेरा, तत्कालीन कांग्रेस के मीडिया चेयरमेन शैलेष नितिन त्रिवेदी, वर्तमान चेयरमेन सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता आरपी सिंह सहित कांग्रेस के प्रवक्तागण उपस्थित थे. इनमें से आरपीएन सिंह अब भाजपा में और जयवीर शेरगिल भी कांग्रेस में नहीं है. उस दौरान गंगाजल हाथ में लेकर कर्ज माफी की कसम खाई गई थी ना की घोषणा पत्र में किए गए 36 वादों को पूरा करने की.

राजा आरपीएन सिंह से पूछों क्या खाई थी कसम: कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "जिन तत्कालीन कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने गंगाजल हाथ में लेकर उस दौरान सौगंध खाई थी. वह आज भाजपा में है. डॉक्टर रमन सिंह को चाहिए कि उनसे पूछ ले कि उस दौरान आरपीएन सिंह ने गंगाजल हाथ में लेकर किस बात के लिए सौगंध खाई थी.

रमन के बयान पर कांग्रेस का तीखी प्रतिक्रिया: डॉ. रमन सिंह के बयान को लेकर भी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि "गीता और गंगाजल के प्रति हर भारतवासी की अटूट आस्था है. महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई गीता के साथ लड़ी, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गीता रहस्य लिखा. बिनोवा भावे ने गीताई लिखा. चंद्रशेखर आजाद भी जब आजादी की लड़ाई में शहीद हुए तो उस दौरान उनकी एक जेब में रिवाल्वर को एक जेब में गीता रहती थी. ऐसी सम्मानित गीता और गंगाजल को लेकर डॉ. रमन सिंह झूठी बातें कहे जा रहे हैं जो काफी दुखद है. इसके लिए छत्तीसगढ़ की जनता कभी रमन सिंह को माफ नहीं करेगी."


इस मामले को लेकर कांग्रेस ने डॉ. रमन सिंह से 3 दिन में अपना बयान वापस लेने की बात कही है. बयान वापस न लेने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है. इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं ने तो भाजपा के नेताओं को चुनौती दी है कि वे हाथ में गंगा जल लेकर कसम खाएं कि कांग्रेस ने किस घोषणा के लिए गंगाजल लेकर सौगंध खाई थी.

गीता पर छत्तीसगढ़ में गरमाई सियासत

रमन सिंह ने किया पलटवार: कांग्रेस के इन आरोपों पर एक बार फिर रमन सिंह ने पलटवार किया है. डॉ रमन सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जन्म घोषणा पत्र बनाने वाले टीएस सिंह देव एक बार उसे पढ़ लें जो बातें उन्होंने जनता के बीच शारीरिक रूप से जाकर किया था. अब एक-एक कर वे गंगाजल और गीता को नकार रहे हैं. अब उन्हें लग रहा है कि गंगा जल लेकर कसम खाई थी और उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है तो निश्चित रूप से इसका दुष्परिणाम भुगतना ही पड़ेगा. लाखों महिलाओं ने शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता, नियमितीकरण की बात कही थी. आज उससे मुकर रहे हैं. सरकार बनते ही पहली कलम से नियमितीकरण का वादा किया था, वह पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव चौराहे पर खड़े होकर सार्वजनिक रूप से कहे कि हमने यह वादा नहीं किया था. इसे जन घोषणा पत्र से निकाल दें.

Last Updated : Sep 25, 2022, 9:33 PM IST
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