ETV Bharat / state

कांग्रेस ने बीजेपी से मांगा राम मंदिर के चंदे का हिसाब, बीजेपी हुई आगबबूला, सीएम ने बताया चंदे का धंधा

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के चंदे को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस के राम मंदिर के चंदे का हिसाब मांगने पर बीजेपी बिफर पड़ी है. बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस कौन होती है चंदे का हिसाब मांगने वाली.

राम मंदिर के चंदे पर सियासी घमासान
राम मंदिर के चंदे पर सियासी घमासान
author img

By

Published : Dec 6, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 9:01 PM IST

रायपुर : देश सहित छत्तीसगढ़ में राम मंदिर का मुद्दा फिर गरमा गया है. इस बार यह मुद्दा मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस की तरफ से इक्टठा किए जा रहे चंदे को लेकर है. कांग्रेस इस चंदे को लेकर बीजेपी से हिसाब मांग रही है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस चंदे का हिसाब मांगने वाली कौन होती है.

राम मंदिर के चंदे पर सियासी घमासान

राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए चंदे का भाजपा दे हिसाब : सीएम

इस मामले में सीएम ने बीजेपी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने बीजेपी से इस चंदे का पूरा हिसाब मांगा है. सीएम भूपेश ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने को बीजेपी ने धंधा बना लिया है. पहले 1992 से लेकर अब तक इकट्ठा किए गए चंदे का हिसाब बीजेपी को देना चाहिए.

चंदे का हिसाब मांगने वाली कांग्रेस कौन : बृजमोहन अग्रवाल

वहीं भूपेश बघेल के इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चंदे का हिसाब मांगने वाले सीएम भूपेश बघेल कौन होते हैं. 101 करोड़ का चंदा वो दें तो हिसाब मांगने के अधिकारी होंगे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जो देते हैं वह हिसाब मांगने का अधिकार रखते हैं. इसीलिए मैं कह रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी या प्रदेश सरकार प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये दें. तो निश्चित रुप से हम हिसाब देंगे. वह हिसाब मांगने के अधिकारी होंगे.

क्या है पूरा मामला ?

राममंदिर निर्माण के लिए हर हिंदू परिवार की सहभागिता हो. इसके लिए विश्व हिंदू परिषद सहित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देशभर में 11 करोड़ परिवारों से संपर्क साधने की तैयारी में है. इस दौरान कूपन के जरिए मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह किया जाएगा. रायपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में माता कौशल्या का मायका माना जाता है. इस वजह से यहां विश्व हिंदू परिषद ने ये एलान किया है कि छत्तीसगढ़ के हर गांव से राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे इकट्ठे किये जाएंगे. विश्व हिंदू परिषद के इसी एलान के बाद एक बार फिर प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा गरमा गया है.

रायपुर : देश सहित छत्तीसगढ़ में राम मंदिर का मुद्दा फिर गरमा गया है. इस बार यह मुद्दा मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस की तरफ से इक्टठा किए जा रहे चंदे को लेकर है. कांग्रेस इस चंदे को लेकर बीजेपी से हिसाब मांग रही है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस चंदे का हिसाब मांगने वाली कौन होती है.

राम मंदिर के चंदे पर सियासी घमासान

राम मंदिर निर्माण के लिए जुटाए चंदे का भाजपा दे हिसाब : सीएम

इस मामले में सीएम ने बीजेपी पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने बीजेपी से इस चंदे का पूरा हिसाब मांगा है. सीएम भूपेश ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने को बीजेपी ने धंधा बना लिया है. पहले 1992 से लेकर अब तक इकट्ठा किए गए चंदे का हिसाब बीजेपी को देना चाहिए.

चंदे का हिसाब मांगने वाली कांग्रेस कौन : बृजमोहन अग्रवाल

वहीं भूपेश बघेल के इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चंदे का हिसाब मांगने वाले सीएम भूपेश बघेल कौन होते हैं. 101 करोड़ का चंदा वो दें तो हिसाब मांगने के अधिकारी होंगे. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जो देते हैं वह हिसाब मांगने का अधिकार रखते हैं. इसीलिए मैं कह रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी या प्रदेश सरकार प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये दें. तो निश्चित रुप से हम हिसाब देंगे. वह हिसाब मांगने के अधिकारी होंगे.

क्या है पूरा मामला ?

राममंदिर निर्माण के लिए हर हिंदू परिवार की सहभागिता हो. इसके लिए विश्व हिंदू परिषद सहित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देशभर में 11 करोड़ परिवारों से संपर्क साधने की तैयारी में है. इस दौरान कूपन के जरिए मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह किया जाएगा. रायपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर चंदखुरी गांव में माता कौशल्या का मायका माना जाता है. इस वजह से यहां विश्व हिंदू परिषद ने ये एलान किया है कि छत्तीसगढ़ के हर गांव से राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे इकट्ठे किये जाएंगे. विश्व हिंदू परिषद के इसी एलान के बाद एक बार फिर प्रदेश में राम मंदिर का मुद्दा गरमा गया है.

Last Updated : Dec 6, 2020, 9:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.