रायपुर: छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा से भाजपा परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हुई है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा दो जगह से निकाली जा रही है. 12 सितंबर को दंतेवाड़ा से पहला चरण शुरु हो चुका है. 15 सितंबर को सरगुजा संभाग के जशपुर से परिवर्तन यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत होनी है. भाजपा को परिवर्तन यात्रा से बड़ी उम्मीदें हैं.
बस्तर सरगुजा संभाग से भाजपा की परिवर्तन यात्रा क्यों: दरअसल बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीट है. वहीं सरगुजा संभाग में 14 विधानसभा सीट है. फिलहाल इन सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. यानी बस्तर और सरगुजा संभाग की 26 सीटों पर भाजपा का सुपड़ा साफ है. भाजपा की सबसे बड़ी चिंता भी यही है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भाजपा इन दोनों संभागों की विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.
''भाजपा आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. बीजेपी ने पहले से 21 उम्मीदवारों की घोषणा की है ताकि उन उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए मौका मिल सके.'' -उचित शर्मा, राजनीतिक जानकार
क्या कहते हैं भाजपा नेता: भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के कुशासन को उखाड़ फेंकने के लिए परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की गई है.
''भूपेश सरकार ने पिछले 5 साल में लूट और भ्रष्टाचार किया है. जनता का आशीर्वाद मिलेगा और परिवर्तन होकर रहेगा.'' -डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
भाजपा की परिवर्तन यात्रा पर कांग्रेस ने कसा तंज: भाजपा की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करने वाले थे, लेकिन खराब मौसम की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया. अब कांग्रेस ने इसे ही मुद्दा बना लिया है.
"जो परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं, उनकी शुरुआत ही खराब हो गई है. अमित शाह का दुर्ग का कार्यक्रम फ्लॉप रहा. दंतेवाड़ा में पता चला कि भीड़ नहीं आ रही तो दौरा स्थगित कर दिया. अमित शाह का आना छत्तीसगढ़ के लिए ठीक नहीं है.''-भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
बस्तर सरगुजा में रोचक मुकाबले की उम्मीद: इस बार बस्तर सरगुजा संभाग में रोचक मुकाबले की उम्मीद है. बस्तर सरगुजा संभाग की 26 में से 20 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व हैं. साल 2018 में कांग्रेस ने यह सभी सीटें जीती हैं. यानी साल 2018 में कांग्रेस ने आदिवासी वोट बैंक को बेहतर ढंग से साधा और बस्तर के साथ ही सरगुजा संभाग की सीटों पर भी अच्छी जीत हासिल की. लेकिन इस बार सर्व आदिवासी समाज के चुनाव लड़ने के ऐलान ने बीजेपी के साथ ही कांग्रेस की टेंशन भी बढ़ा दी है. यही वजह है कि भाजपा के साथ ही कांग्रेस ने भी इन दोनों संभागों में अपनी चुनावी मुहिम तेज कर दी है.