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वाह री सियासत: मरवाही में चुनावी समर से बाहर जेसीसीजे नेता अपनों से जंग में उलझे

अभी तक चुनाव नहीं लड़ने देने को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे अमित जोगी को तब और झटका लगता है जब उनकी पार्टी के ही दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा को अब अपना भविष्य कांग्रेस में दिखने लगता है. कैसे मरवाही का महासमर जोगी परिवार और उनकी पार्टी के लिए बेहद कड़ुए अनुभव वाला साबित हो रहा है, पढ़िये मरवाही का सियासी समीकरण.

marwahi political scenario
मरवाही चुनावी समर
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Published : Oct 31, 2020, 9:52 PM IST

रायपुर: कहां तो कांग्रेस की विजय रथ पर लगाम कसने का दावा था और कहां आज अपने ही पार्टी के विधायकों के खिलाफ बयान जारी करना पड़ रहा है. जेसीसीजे के अध्यक्ष अमित जोगी को राजनीति में ये दिन देखने पड़ेंगे इसका अंदाजा शायद नहीं रहा होगा. कैसे मरवाही का महासमर जोगी परिवार और उनकी पार्टी के लिए बेहद कड़ुए अनुभव वाला साबित हो रहा है इसे क्रम बद्ध तरीके से समझिए.

जाति विवाद और चुनाव से बाहर

ऐन चुनाव के वक्त अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी की जाति को लेकर विवाद एक बार फिर शुरू हुआ सबसे पहले मुंगेली जिला कलेक्टर ने ऋचा की जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया. इसके बाद अमित जोगी की जाति की जांच कर रही छानबीन समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमित आदिवासी हैं इसका कोई प्रमाण पेश नहीं कर पाए हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. उनके अलावा ऋचा जोगी और उनके पार्टी के ओर से खड़े किए गए डमी प्रत्याशियों का नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया. इस तरह न केवल जोगी परिवार बल्कि जेसीसीजे पार्टी ही चुनाव से बाहर हो गई. लेकिन इसके बाद भी अमित और रेणु जोगी गांव गांव का दौरा कर अपने समर्थकों से मुलाकात करते हैं और चुनाव नहीं लड़ने देने का आरोप कांग्रेस और भूपेश सरकार पर लगाते हैं.

पढ़ें- मरवाही उपचुनाव: जानिये इस सीट के सियासी समीकरण

दो विधायकों ने दिया कांग्रेस प्रवेश का संकेत

अभी तक चुनाव नहीं लड़ने देने को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे अमित जोगी को तब और झटका लगता है जब उनकी पार्टी के ही दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा को अब अपना भविष्य कांग्रेस में दिखने लगता है. इनका बयान मीडिया में आते ही अमित जोगी अपने इन नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया, हालांकि इन दोनों नेताओं के इरादों पर पार्टी के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने पानी फेरते हुए कहा कि वे अजीत जोगी का अपमान करने वालों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. और जिन्हें कांग्रेस पसंद है वे विधायकी छोड़कर जा सकते हैं.

भाजपा के साथ चुनावी समझौता करना पड़ा

इस बीच शनिवार को डॉ रमन सिंह के साथ जेसीसीजे विधायक की बंद कमरे में गुप्तगु होती है, इसके बाद अमित जोगी ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा का समर्थन करेगी. अमित की इस घोषणा पर देवव्रत सिंह ने फिर चुटकी ली है कि भाजपा से समझौता कर अजीत जोगी के संस्कार और भावना के विपरित काम किया गया है. इसके बाद अब तक कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रहे अमित जोगी और धर्मजीत सिंह अपने ही पार्टी के विधायक पर हमला बोलते हुए कहा कि अजीत जोगी के सम्मान की रक्षा के लिए वे जो हो सकेगा करेंगे और इसके लिए किसी को नसीहत देने की जरूरत नहीं है.

इस तरह कह सकते हैं कि मरवाही में अमित जोगी ऐसे चक्रव्यूह में नजर आ रहे हैं, जहां वे अपने विरोधियों पर तीर चलाने गए थे लेकिन हालात ऐसे बदले कि वे अब अपनों को ही काबू में रखने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. इस तरह मरवाही के महासमर में हर रोज सियासत नया रंग दिखा रही है.

रायपुर: कहां तो कांग्रेस की विजय रथ पर लगाम कसने का दावा था और कहां आज अपने ही पार्टी के विधायकों के खिलाफ बयान जारी करना पड़ रहा है. जेसीसीजे के अध्यक्ष अमित जोगी को राजनीति में ये दिन देखने पड़ेंगे इसका अंदाजा शायद नहीं रहा होगा. कैसे मरवाही का महासमर जोगी परिवार और उनकी पार्टी के लिए बेहद कड़ुए अनुभव वाला साबित हो रहा है इसे क्रम बद्ध तरीके से समझिए.

जाति विवाद और चुनाव से बाहर

ऐन चुनाव के वक्त अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी की जाति को लेकर विवाद एक बार फिर शुरू हुआ सबसे पहले मुंगेली जिला कलेक्टर ने ऋचा की जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया. इसके बाद अमित जोगी की जाति की जांच कर रही छानबीन समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमित आदिवासी हैं इसका कोई प्रमाण पेश नहीं कर पाए हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. उनके अलावा ऋचा जोगी और उनके पार्टी के ओर से खड़े किए गए डमी प्रत्याशियों का नामांकन जिला निर्वाचन अधिकारी ने रद्द कर दिया. इस तरह न केवल जोगी परिवार बल्कि जेसीसीजे पार्टी ही चुनाव से बाहर हो गई. लेकिन इसके बाद भी अमित और रेणु जोगी गांव गांव का दौरा कर अपने समर्थकों से मुलाकात करते हैं और चुनाव नहीं लड़ने देने का आरोप कांग्रेस और भूपेश सरकार पर लगाते हैं.

पढ़ें- मरवाही उपचुनाव: जानिये इस सीट के सियासी समीकरण

दो विधायकों ने दिया कांग्रेस प्रवेश का संकेत

अभी तक चुनाव नहीं लड़ने देने को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे अमित जोगी को तब और झटका लगता है जब उनकी पार्टी के ही दो विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा को अब अपना भविष्य कांग्रेस में दिखने लगता है. इनका बयान मीडिया में आते ही अमित जोगी अपने इन नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया, हालांकि इन दोनों नेताओं के इरादों पर पार्टी के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने पानी फेरते हुए कहा कि वे अजीत जोगी का अपमान करने वालों के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. और जिन्हें कांग्रेस पसंद है वे विधायकी छोड़कर जा सकते हैं.

भाजपा के साथ चुनावी समझौता करना पड़ा

इस बीच शनिवार को डॉ रमन सिंह के साथ जेसीसीजे विधायक की बंद कमरे में गुप्तगु होती है, इसके बाद अमित जोगी ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा का समर्थन करेगी. अमित की इस घोषणा पर देवव्रत सिंह ने फिर चुटकी ली है कि भाजपा से समझौता कर अजीत जोगी के संस्कार और भावना के विपरित काम किया गया है. इसके बाद अब तक कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रहे अमित जोगी और धर्मजीत सिंह अपने ही पार्टी के विधायक पर हमला बोलते हुए कहा कि अजीत जोगी के सम्मान की रक्षा के लिए वे जो हो सकेगा करेंगे और इसके लिए किसी को नसीहत देने की जरूरत नहीं है.

इस तरह कह सकते हैं कि मरवाही में अमित जोगी ऐसे चक्रव्यूह में नजर आ रहे हैं, जहां वे अपने विरोधियों पर तीर चलाने गए थे लेकिन हालात ऐसे बदले कि वे अब अपनों को ही काबू में रखने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. इस तरह मरवाही के महासमर में हर रोज सियासत नया रंग दिखा रही है.

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