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unemployment allowance in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर सियासी बवाल

छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने चुनावी साल में मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. युवाओं को साधने के लिए सीएम बघेल ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है. जहां एक ओर कांग्रेसी युवाओं को लाभ पहुंचाने के रूप में इसे प्रसारित कर रही है. वहीं दूसरी ओर भाजपा इसे चुनावी झुनझुना करार दे रही है.

Political ruckus on unemployment allowance
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर बवाल
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Published : Jan 27, 2023, 9:11 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 9:54 PM IST

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर बवाल

रायपुर: जगदलपुर में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भूपेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. उन्होंने आगामी वित्तीय वर्ष से बेरोजगारी भत्ता दिने का ऐलान किया है. किसानों को साधने के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने युवाओं को साधने के लिए दांव चल दिया है.

चंद्राकर ने बताया चुनावी झुनझुना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के एलान किया है. सरकार के इस फैसले को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चुनावी झुनझुना बताया है. उन्होंने कहा कि "नए वित्तीय वर्ष का मतलब चुनावी झुनझुना है. कांग्रेस पार्टी में थोड़ी सी विश्वसनीयता है, तो दिसंबर 2018 से बेरोजगारी भत्ता दे. बजट आएगा, तब तक आचार संहिता लग जायगी.

2018 से बेरोजगारी भत्ता देने रखी मांग: पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आगे कहा कि "2018 से बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला, तो घोषणा का कोई मतलब नहीं है. सरकार जन घोषणा पत्र को गंभीरता से लेती है तो 2018 से भत्ता दे. तभी बेरोजगारों के साथ न्याय होगा, नहीं तो चुनावी दांव माना जाएगा."

"भाजपा की बौखलाहट बोल रही है": भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "यह भाजपा की बौखलाहट बोल रही है. छत्तीसगढ़ में आधा प्रतिशत से भी कम बेरोजगारी है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार भत्ता देने जा रही है. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार बेरोजगारों की चिंता कर रही है."

सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा कि "उल्टा भाजपा सरकार ने साल 2003 में बेरोजगारों को ₹500 बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी. जो 3 बार सरकार बनने के बाद भी नहीं दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले का भाजपा को अभिवादन करना चाहिए."

यह भी पढ़ें: Shani Ast 2023: 31 जनवरी को शनि होंगे अस्त, इन 4 राशियों को रहना होगा सावधान


दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत हुई: गौरतलब है कि सीएमआईई के मई-अगस्त 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.22 प्रतिशत थी. राज्य शासन की योजनाओं से इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में माह दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है."

रोजगार मूलक योजनाओं का मिला फायदा: छत्तीसगढ़ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर के साथ लगातार देश का न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है. राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजनाएं और नीतियां बताई जा रही है.

चपरासी के नौकरी के लिए सवा दो लाख आवेदन आए: जब देश में बेरोजगारी की दर सबसे कम छत्तीसगढ़ में होने के दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच सितंबर 2022 में छत्तीसगढ़ में चपरासी के 91 पदों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग-CGPSC की परीक्षा का ऐलान किया था. उस दौरान सवा दो लाख आवेदन आए थे.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर बवाल

रायपुर: जगदलपुर में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भूपेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. उन्होंने आगामी वित्तीय वर्ष से बेरोजगारी भत्ता दिने का ऐलान किया है. किसानों को साधने के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने युवाओं को साधने के लिए दांव चल दिया है.

चंद्राकर ने बताया चुनावी झुनझुना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के एलान किया है. सरकार के इस फैसले को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चुनावी झुनझुना बताया है. उन्होंने कहा कि "नए वित्तीय वर्ष का मतलब चुनावी झुनझुना है. कांग्रेस पार्टी में थोड़ी सी विश्वसनीयता है, तो दिसंबर 2018 से बेरोजगारी भत्ता दे. बजट आएगा, तब तक आचार संहिता लग जायगी.

2018 से बेरोजगारी भत्ता देने रखी मांग: पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आगे कहा कि "2018 से बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला, तो घोषणा का कोई मतलब नहीं है. सरकार जन घोषणा पत्र को गंभीरता से लेती है तो 2018 से भत्ता दे. तभी बेरोजगारों के साथ न्याय होगा, नहीं तो चुनावी दांव माना जाएगा."

"भाजपा की बौखलाहट बोल रही है": भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि "यह भाजपा की बौखलाहट बोल रही है. छत्तीसगढ़ में आधा प्रतिशत से भी कम बेरोजगारी है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ सरकार बेरोजगार भत्ता देने जा रही है. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार बेरोजगारों की चिंता कर रही है."

सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा कि "उल्टा भाजपा सरकार ने साल 2003 में बेरोजगारों को ₹500 बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की थी. जो 3 बार सरकार बनने के बाद भी नहीं दिया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले का भाजपा को अभिवादन करना चाहिए."

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दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत हुई: गौरतलब है कि सीएमआईई के मई-अगस्त 2018 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 3.22 प्रतिशत थी. राज्य शासन की योजनाओं से इसमें उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में माह दिसंबर 2022 में घटकर 0.1 प्रतिशत रह गई है."

रोजगार मूलक योजनाओं का मिला फायदा: छत्तीसगढ़ 0.1 प्रतिशत बेरोजगारी की दर के साथ लगातार देश का न्यूनतम बेरोजगारी दर वाला राज्य बना हुआ है. राज्य को मिली इस उपलब्धि के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए बनाई गई योजनाएं और नीतियां बताई जा रही है.

चपरासी के नौकरी के लिए सवा दो लाख आवेदन आए: जब देश में बेरोजगारी की दर सबसे कम छत्तीसगढ़ में होने के दावे किए जा रहे हैं. इसी बीच सितंबर 2022 में छत्तीसगढ़ में चपरासी के 91 पदों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग-CGPSC की परीक्षा का ऐलान किया था. उस दौरान सवा दो लाख आवेदन आए थे.

Last Updated : Jan 27, 2023, 9:54 PM IST
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