रायपुर\बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा में साजा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. साहू लोधी वोटर्स के गढ़ में रविंद्र चौबे सात बार विधायक रहे हैं. वे 6 बार लगातार साजा से विधायक रहे. 2013 में मौका चूकने के बाद साल 2018 में सातवीं बार साजा के विधायक बने.
रविंद्र चौबे का जीवन सफर: रविंद्र चौबे का जन्म 28 मई 1957 को बेमेतरा जिले के साजा तहसील के मौहाभाटा गांव में ब्राह्म्ण परिवार में हुआ. इन्होंने बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई की है. शुरू से ही इनमें लीडरशिप क्वॉलिटी रहने के कारण 1977-78 में 20 साल की उम्र में ही वह शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष बने. 1979-80 में रविशंकर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे.
रविंद्र चौबे का राजनीतिक सफर: रविंद्र चौबे राज्य गठन से पहले राजनीति में सक्रिए हैं. 1977-78 में रविंद्र चौबे शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, दुर्ग में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे. 1977-80 तक भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन दुर्ग के जिलाध्यक्ष भी रहे. 1979-80 में रविशंकर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे. 1980-90 के बीच युवक कांग्रेस के महामंत्री रहे. 1982 में राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक, भोपाल मध्य प्रदेश में संचालक के पद पर रहे. 1983-84 में साजा जनपद पंचायत में अध्यक्ष, 1983-97 तक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के उपाध्यक्ष, 1984-85 में जिला पंचायत दुर्ग के पहले सभापति रहे. 1985 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए. उसके बाद से लगातार 1990, 1993, 1998, 2003, 2008 और सातवीं बार साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने. 1995 में मध्य प्रदेश में उच्चा शिक्षा मंत्री बने, 1997 में एमपी में स्कूल शिक्षा मंत्री, 1998 में सामान्य प्रशासन विभाग और जनसंपर्क विभाग में मंत्री रहे.
साल 2000 में छत्तीसगढ़ सरकार बनने के बाद भी चौबे मंत्री बने. इस दौरान उनके पास लोक निर्माण विभाग, आवास एवं पर्यावरण, नगरीय प्रशासन एवं विकास, विधि, विधायी और संसदीय कार्य विभाग रहा. 2003 से 2006 तक में छत्तीसगढ़ विधानसभा में लोक लेखा उप समिति में सभापति रहे. कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य भी रहे. 2008 से 2013 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने. 25 दिसंबर 2018 से छत्तीसगढ़ में मंत्री पद पर बने हुए हैं.