रायपुर: नवा रायपुर प्रभावित किसान परिवार पिछले 15 साल से अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. ठोस कार्रवाई न होने से आजिज 27 गांवों के किसान रविवार को नवा रायपुर प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकल पड़े. किसान सीएम से मुलाकात कर अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए उनसे मिलना चाहते थे, लेकिन बीच रास्ते से ही पुलिस बल ने किसानों को रोककर हिरासत में ले लिया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई. किसान नेताओं को अभनपुर थाना ले जाया गया, जबकि बाकि के किसानों को नया रायपुर धरना स्थल पर भेजा गया.
डेढ़ साल से चल रही हड़ताल, नहीं दिया जा रहा ध्यान: नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के प्रवक्ता गिरधर पटेल ने बताया कि "हम पिछले डेढ़ साल से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. सरकार की ओर से आश्वासन देने की बात की जाती है, लेकिन हमारी मांगों पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया. इसी सिलसिले में हम 27 गांव के किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांग रखने वाले थे. इसी बीच पुलिस ने हमें रोक लिया और हमारी गिरफ्तारी की है. हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती."
किसानों को अब तक केवल झूठे आश्वासन मिले: गिरधर पटेल के मुताबिक "हमारी मांगों को लेकर राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्रिमंडल की उपसमिति और किसान प्रतिनिधि सदस्यों की कई दौर की बैठक हुई है. इसमें सहमति से निर्णय लिया गया, लेकिन वो छलावा और झूठा आश्वासन साबित हुआ है. एक बार फिर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ठगा गया. झूठा आश्वासन दिया गया."
ये है किसानों की प्रमुख आदेशित मांगें:
- नया कानून के तहत भू अर्जन.
- भू अर्नज में किसानों द्वारा पैसा नहीं उठाया है या न्यायालय गया है, उन किसानों की जमीन लेयर 2 व 3 में आबंटित करें.
- पुनर्वास योजना के तहत प्रभावित किसानों के लिए पुनर्वास नीति लागू करें.
- प्रभावित गांव में आबादी भूमि और काबिज भुमि का पट्टा प्रदान करें.
- प्रभावित परिवारों को स्वरोजगार और नौकरी में 60% आरक्षण की प्राथमिकता.
- आडिट आपत्ति के नाम पर वार्षिकी राशि रोकना बंद करें.
- नवा रायपुर योजना क्षेत्र में लेयर-1 के गांवों में प्रतिबंध लगा है और लेयर 2 व 3 के गांव में प्रतिबंध नहीं है.