रायपुर/हैदराबाद: छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सराहना की थी. इसके साथ ही पीएम ने सीएम बघेल को छत्तीसगढ़ में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह भी दी थीं. हालांकि प्रदेश में 1 दिसंबर 2021 से मिलेट मिशन चल रहा है. जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती को बढ़ावा देना है. दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण भी दूर किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है.
मन की बात में रायगढ़ मिलेट्स कैफे की तारीफ: रायगढ़ में छत्तीसगढ़ का पहला मिलेट्स कैफे साल 2022 में खोला गया था. जिसका जिक्र आज पीएम मोदी ने मन की बात में किया. पीएम मोदी ने बताया कि स्वाद के साथ सेहत की कॉम्बो डील रायगढ़ वासियों को मिल रही है. इस मिलेट कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, पिज्जा, नूडल, पकोड़े, समोसे, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी के साथ ही सैंडविच, शेक्स, बर्गर का स्वाद लिया जा सकता है. रायगढ़ जाने पर मिलेट्स कैफे जाना आप ना भूले.
पीएम मोदी ने बिलासपुर के संजीव शर्मा के बारे में भी देशवासियों को मन की बात में बताया. मोदी ने बताया प्राकृतिक खेती से जुड़े संदीप शर्मा के FPO से 12 राज्यों के किसान जुड़े हैं. बिलासपुर का FPO 8 प्रकार के मिलेट्स का आटा और उसके व्यंजन बना रहा है.
साल 2023 को संयुक्त राष्ट्र संघ अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मना रहा है. छत्तीसगढ़ में पारंपरिक रूप से मिलेट्स की खेती की जाती है. छत्तीसगढ़ में मिलेट्स फसलों में प्रमुख रूप से कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार व बाजरा का उत्पादन किया जाता है. प्रदेश में मिलेट्स से उत्पादन की संभावना के मद्देनजर मिलेट्स मिशन चलाया जा रहा है. सरकार ने साल 2023 में जनवरी से दिसंबर तक मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए कार्ययोजना बनाई है. छत्तीसगढ़ में फूड फेस्टिवल, मेला और दूसरे माध्यमों से किसानों और आमजनों को मिलेट्स के प्रति जागरूक किया जा रहा है. सीएम भूपेश बघेल ने मकर संक्रांति के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों, देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों, कलाकारों, साहित्यकारों, मीडिया, फिल्म जगत, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तित्वों को मिलेट हैंपर भेजकर बधाई और शुभकामनाएं भेजी.
मिलेट्स के व्यंजन : मिलेट्स से रागी खीर, लड्डू, माल्ट, केक, सेवईं, ईडली, हलवा, पुलाव, कुटकी खीर, कुटकी चाय, जैम, कोदो खीर, ज्वार चॉकलेट, ब्राउनी बनाए जाते हैं. कोदो व कुटकी को मुख्य भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है.
मिलेट्स में पोषक तत्वों का खजाना: मिलेट्स में पोषक तत्वों की अधिकता के कारण इसे न्यूट्रीसीरियल्स भी कहा जाता है. इसमें प्रोटीन, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस अच्छी मात्रा में पाया जाता है. मिलेट्स फसल में शामिल रागी में प्रोटीन व कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने एवं कुपोषण दूर करने में सहायक है. रागी रेशा उदर विकार, उच्च रक्तचाप और आंतों के कैंसर से शरीर की रक्षा करती है. इसी तरह कुटकी में 37-38 प्रतिशत तक रेशा होता है, जो शिशु खाद्य पदार्थ, स्नैक्स और अन्य प्रंसस्कृत उत्पाद के लिए उपयोगी खाद्य घटक है. वहीं कोदो में प्रोटीन 11 और रेशा 14 प्रतिशत तक पाया जाता है, जो हृदय विकार, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित लोगों के लिए उत्तम आहार है. मिलेट्स में मुफ्त ग्लूकोज़ बहुत कम समय के लिए होता है, जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त आहार है.
होटल के मेन्यू में शामिल होंगे मिलेट्स व्यंजन: रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के होटलों में अब लोगों को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाने को मिलेगा. जल्द ही होटलों के मेन्यू में मिलेट्स आधारित व्यंजनों को शामिल किया जाएगा. इसे लेकर संचालक कृषि के मार्गदर्शन में संयुक्त संचालक और राजधानी रायपुर के 64 होटल संचालकों के बीच बैठक हुई. मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के फायदे की वजह से मिलेट्स का दैनिक आहार में उपभोग बढ़ाने पर चर्चा की गई. इससे मिलेट्स फसल क्षेत्र वृद्धि व उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा. होटल, रेस्टोरेंट संचालकों ने भी मिलेट्स आधारित व्यंजनों व उत्पादों को अपने प्रतिष्ठान के मेन्यू में शामिल करने आश्वस्त किया.
आंगनबाड़ी और मीड डे मील में मिलेट्स: छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं. कांकेर जिले में 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है. जो एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है. प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है. स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे हैं. इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजन शामिल हैं.
मिलेट्स की खेती पोषक अनाज अवार्ड: मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है. राज्य में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इसको राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है. मिलेट्स उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये की आदान सहायता भी दी जा रही है.