रायपुर: कोरोना संकट ने खेल और खिलाड़ियों और उनकी तैयारियों को भी प्रभावित किया. लॉकडाउन के दौरान सभी स्टेडियम, स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स, ट्रेनिंग सेंटर्स और इंडोर स्टेडियम बंद रहे. करीब 4 महीने बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में शर्तों के साथ इंडोर गेम्स की प्रैक्टिस करने के आदेश जारी किए थे. जून में इंडोर गेम्स को खोलने की इजाजत मिलने के बाद खिलाड़ियों ने प्रैक्टिस शुरू कर दी. जिसके बाद जुलाई में आउटडोर गेम्स की भी इजाजत दे दी गई. अब सप्रे शाला स्थित बैडमिंटन हॉल, वीआईपी क्लब और यूनियन क्लब में खिलाड़ियों ने आने वाले टूर्नामेंट के लिए बैडमिंटन और टेनिस की प्रैक्टिस शुरू कर दी है. खिलाड़ी मैदान में कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए जमकर पसीना बहा रहे हैं.
प्रैक्टिस के दौरान खिलाड़ी रख रहे इन बातों का ख्याल
बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए 13 मार्च से पूरे देश में खेल प्रतियोगिताओं पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन शासन के आदेश के बाद फिर से खिलाड़ी मैदान और इंडोर स्टेडियमों में पहुंचने लगे हैं. जरूरी शर्तों के साथ सभी खेल की प्रैक्टिस शुरू हो गई है. खिलाड़ी नियमों का पालन करते हुए प्रैक्टिस कर रहे है. खिलाड़ी प्रैक्टिस करते वक्त मास्क पहन रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रख रहे हैं.
पढ़ें-रायपुर: 3 महीने बाद स्टेडियम में दिखे खिलाड़ी, 6 फीट की दूरी रख कर रहे प्रैक्टिस
गाइडलाइन का किया जा रहा पालन
खिलाड़ी सुनील सुराना ने बताया कि वह सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कर रहे हैं. एक समय में प्रैक्टिस करने के लिए कुछ खिलाड़ी ही ग्राउंड और हॉल पहुंच रहे हैं.कोच द्वारा भी उन्हीं खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए बुलाया जा रहा है जिनके टूर्नामेंट नजदीक है.
इंडोर हॉल को भी किया जा रहा सैनिटाइज
स्टेडियम में यह ध्यान रखा जा रहा है कि जो खिलाड़ी प्रैक्टिस करने आ रहे हैं, उनकी उम्र 10 से 50 साल के बीच हो. साथ ही सिर्फ उन्हीं खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए बुलाया जा रहा है जिनकी प्रतियोगिता नजदीक है. ट्रेनिंग शुरू होने से पहले संघ की ओर से इंडोर हॉल और आउटडोर पिच को पूरी तरह सैनिटाइज कराया गया है. वहीं खिलाड़ियों को राज्य शासन की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए हैं.
पढ़ें-लॉकडाउन इफेक्ट्स: खिलाड़ी नहीं ले पा रहे प्रशिक्षण, खेल मैदानों में पसरा सन्नाटा
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हॉल में मार्किंग
ग्राउंड में प्रैक्टिस के लिए आने वाले खिलाड़ियों की थर्मल स्कैनिंग की जाती है और सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था की गई है. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए हॉल में मार्किंग भी की गई है. खिलाड़ियों के लिए 6 फीट की दूरी पर खड़े होकर वार्मअप करने की व्यवस्था की गई है. एक समय पर प्रैक्टिस के लिए सिर्फ 16 से 20 खिलाड़ी को ही ग्राउंड और हॉल में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है.
3 महीने बाद मैदान पर उतरे खिलाड़ी
खिलाड़ी प्रदीप मथानी ने बताया कि करीब 3 महीने बाद उन्हें ग्राउंड में प्रैक्टिस करने का मौका मिला है, जिससे वह काफी खुश हैं. प्रैक्टिस करते समय यह जरूर ध्यान रखा जा रहा है कि खिलाड़ी एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें. साथ ही अपने किट को हर आधे घंटे में सैनिटाइज करते रहें. खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों को ग्राउंड में आने की अनुमति नहीं है.
प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों के लिए अहम दिशा निर्देश-
- खिलाड़ियों की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रैक्टिस की अनुमति
- खिलाड़ियों को किट अपने साथ रखना होगा
- समय-समय पर किट को सैनिटाइज करना अनिवार्य
- हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही हॉल में प्रवेश
- खिलाड़ियों से 6 फीट की शारीरिक दूरी रखना अनिवार्य
टेनिस कोच रूपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पिछले 1 महीने से लगभग सभी क्लब में टेनिस की प्रैक्टिस की जा रही है. हालांकि अभी भी बच्चे प्रैक्टिस के लिए कम आ रहे हैं. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी हैं. ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन ने 16 नवंबर से टेनिस टूर्नामेंट के तारीखों की घोषणा कर दी है. हमें उम्मीद है कि अगले हफ्ते या दिवाली के बाद बच्चों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाएगी. सभी क्लब में हम सावधानी रख रहे हैं. बच्चों के लिए एंट्री प्वाइंट पर सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है और रैकेट को भी सैनिटाइज किया जा रहा है.