रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है, हालात ये हैं कि अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या कम पड़ रही है. वहीं इलाज पद्धति को लेकर लोगों के बीच में संशय की स्थिति बनी हुई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों को देखकर छत्तीसगढ़ सरकार ने निजी अस्पतालों में भी इलाज के लिए इजाजत दे दी है. ऐसे में अब इलाज की नई पद्धति अपनाई जा रही है. निजी अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी कोरोना मरीजों को दी जा रही है.
आए दिन मरीजों के परिजन प्लाज्मा के इंतजाम के लिए सोशल मीडिया या फोन के माध्यम से लोगों से संपर्क कर रहे हैं. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ को अब तक आईसीएमआर की ओर से प्लाज्मा थेरेपी की परमिशन नहीं दी गई है. विश्व के 2 देशों में यह थेरेपी अपनाई गई थी, लेकिन थेरेपी ज्यादा कारगर साबित नहीं होने के बाद इसे लेकर कोई विशेष गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. राज्य सरकार ने आईसीएमआर को पत्र लिखा है. लेकिन अबतक परमिशन नहीं मिली है. राज्य सरकार परमिशन का इंतजार कर रही है ताकि प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की जाए.
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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अबतक कोई गाइडलाइन राज्य सरकार को जारी नहीं की गई है. मुझ तक भी जानकारी आई है कि निजी अस्पताल प्लाज्मा थेरेपी देने की बात कर रहे हैं. सरकारी अस्पतालों को अब तक इसे लेकर कोई परमिशन नहीं है. जानकारियां मुझ तक भी आई हैं. निजी अस्पतालों से कांटेक्ट किया जाए.
बहुत ज्यादा सफल नतीजे नहीं आए सामने
हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी कोरोना मरीजों के लिए अब तक कोई अधिकृत थेरेपी नहीं है. छत्तीसगढ़ में भी अस्पतालों को आईसीएमआर की ओर से आदेश का इंतजार है. कुछ दिन पहले ही आईसीएमआर की गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि गंभीर मरीजों के केस में बहुत ज्यादा सफल नतीजे सामने नहीं आए हैं. प्लाज्मा थेरेपी अधिकृत इलाज के रूप में ना दी जाए तो ही अच्छा है.