रायपुर: गौरव पथ पर स्थित गौरव वाटिका के पीछे सिंचाई कॉलोनी को लेकर छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने प्रोजेक्ट तैयार किया है. इसके लिए सर्वे का काम शुरू हुआ है. दुर्गा नगर स्तिथि झुग्गी झोपड़ियों में रह रहे परिवारों को विस्थापन करने की कार्रवाई भी शुरू की गई है. लेकिन सर्वे का काम विवादों में घिरता दिख रहा है. दरअसल यहां सर्वे करने पहुंचे अधिकारियों से पूछा गया कि किस लिए यह सर्वे किया जा रहा है तो उन्होंने जानकारी देने से मना कर दिया.
मंगलवार की दोपहर नगर निगम के कर्मचारी झुग्गी झोपड़ियों का सर्वे करने पहुंचे थे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने सर्वे का जमकर विरोध किया. वहां के निवासियों का आरोप है कि नगर निगम ने किसी भी प्रकार से उन्हें सर्वे की जानकारी नहीं दी थी. साथ ही स्थानीय पार्षद तक को इस सर्वे से जुड़ी जानकारी नहीं थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम के अधिकारी बिना बताए सर्वे करने पहुंचे हुए थे. इस दौरान किसी के सवालों का जवाब भी नहीं दे रहे थे.
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड सिंचाई विभाग कॉलोनी को तोड़कर वहां बड़ा कॉम्प्लेक्स बनाने जा रही है. हालांकि शुरुआत के दिनों में सिंचाई विभाग कॉलोनी के लोगों ने भी घर तोड़े जाने का विरोध किया था. लेकिन बाद में सरकार के आदेश पर विभाग के कर्मचारियों ने स्थान छोड़ दिया. जिसके बाद वहां तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की गई.
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लोगों की मांगें
- परिवार के हिसाब से हो विस्थापन
दुर्गा नगर के लोगों की मांग है कि अगर उनका विस्थापन किया जा रहा है तो सभी परिवार को घर मिलना चाहिए. परिवार के हिसाब से सर्वे किया जाए. वहां रहने वाले लोगों की मांग है कि 1 घर मे 2 से 3 परिवार रहते हैं, हालांकि नगर निगम अधिकारी सर्वे घरों के आधार पर कर रहे हैं. - लोगों का कहना है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले और आने के बाद वादा किया था कि किसी भी प्रकार से झुग्गी झोपड़ी नहीं तोड़ी जाएगी, गर तोड़ा भी जाएगा तो उन्हें उचित स्थान पर विस्थापित किया जाएगा. सरकार पहले विस्थापन की सही व्यवस्था करे.
जानकारी के बिना सर्वे
- लोगों ने आरोप लगाए हैं कि यहां सर्वे करने आए अधिकारियों ने लोगों को जानकारी नहीं दी थी. जिससे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. लोगों का कहना है कि या तो अधिकारियों को जानकारी नहीं है, या वो सर्वे को लेकर लोगों को जानकारी उपलब्ध नहीं कराना चाहते हैं. जिसके कारण लोगों में आक्रोश है.
- मौके पर पहुंचे पार्षद कामरान अंसारी ने बताया कि, स्थानीय लोगों की मांग थी कि अधिकारी सर्वे करने आए हैं, वो परिवार के आधार पर सर्वे करें. कई घर में 3 परिवार रहते हैं. लेकिन निगम अधिकारियों का कहना था कि घर के अनुसार विस्थापन किया जाएगा. पार्षद ने भी कहा कि उन्हें सर्वे को लेकर कोई जानकारी नहीं थी.
बता दें प्रदेश के बिलासपुर और कोरबा में भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी. बिलासपुर के रिवरव्यू और गोंड पारा इलाके में बारिश के दौरान घर तोड़े गए थे. जिसके बाद सरकार को भारी विरोध झेलना पड़ा था. साथ ही इस मामले में एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में लगाई गई थी.